लखनऊ। राजधानी लखनऊ वारदातों की राजधानी बन गई है। प्रदेश के अन्य जनपदों में जनता बढ़ रहे अपराधों से त्राहिमाम कर रही है। आम जनता डर से सहम गयी है। एक तरफ जहां आत्ममुग्ध मुख्यमंत्री अल्टीमेटम देकर भूल जाते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके अल्टीमेटम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कुर्सी बचाने के लिए दिन-रात भाजपा के चुनावी सरोकारों में जुटे हुए मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश नहीं संभल रहा है। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर सांसद ने कहा कि जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को अल्टीमेटम देते हैं वहीं लखनऊ में हुई लूट और हत्या के अपराधियों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है।
राजधानी में दिनदहाड़े अपराधी खुलेआम अपराध कर रहे हैं, अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि जहां चाहते हैं वारदात को अंजाम देकर भाग जाते हैं और पुलिस लकीर पीटती रहती है। राजधानी ही नहीं प्रदेश के दूसरे जिलों में भी अपराध चरम पर पहुंच गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ न सिर्फ प्रदेश की राजधानी है बल्कि देश के गृह मंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है। ऐसे में अतिसंवेदनशील क्षेत्र लखनऊ में सरकार की नाक के नीचे जिस प्रकार हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं वह शर्मनाक है।
जिस तरह पुलिस, सरकार के सामने बगावत पर उतर आयी उससे साबित होता है कि पुलिस प्रशासन पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है और सरकार का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है। उन्होने कहा कि ‘सुशासन और भयमुक्त समाज’ का नारा देकर सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लगभग डेढ़ वर्ष के शासन में उत्तर प्रदेश की जनता ‘कुशासन और भययुक्त समाज’ में जीने के लिए मजबूर है।