लखनऊ। राजधानी लखनऊ में इन दिनों ऑनलाइन देह व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। इस बात का खुलासा बीते दिनों विभूतिखंड स्थित एक होटल में रिसेप्शनिस्ट की हत्या की जांच के दौरान हुआ। दरअसल ये मामले में ऑनलाइन देह व्यापार से जुड़ा है। सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक फ्रेंड्स क्लब में शामिल युवक युवतियां वाट्सएप पर ही संपर्क में रहते थे। हत्याकांड की पड़ताल में आरोपितों की वाट्सएप पर बातचीत के साक्ष्य भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि पूरे देश में क्लब का नेटवर्क फैला हुआ है। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के जरिए लोगों को मेंबर बनाया जाता है, उसके बाद सदस्यों की मांग पर किसी भी शहर में लड़कियां उपलब्ध कराई जाती हैं। राजधानी पुलिस इस ऑनलाइन चक्रव्यूह को भेदने की तैयारी कर रही है। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों से जब पूछताछ की तो पता चला है कि वह राजधानी में ऑनलाइन फ्रेंड्स क्लब के नाम पर देह व्यापार का धंधा संचालित करते थे। मुख्य आरोपित अभय ने दो अलग-अलग नाम से वेबसाइट भी बना रखी थी। एस्कॉर्ट सर्विस या फ्रेंड्स क्लब में रुपयों का लेनदेन सर्वाधिक पेटीएम के माध्यम से होता है। होटल की बुकिंग भी उसी से की जाती है।
सदस्यों से एडवांस में रुपये जमा करने के लिए कहा जाता है। कई बार लोग झांसे में आकर तय राशि की कुछ रकम पेटीएम के माध्यम से जमा कर देते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं। रुपये मिलने के बाद सर्विस देने वाले उनका नंबर ब्लॉक कर देते हैं। लोग लोक-लाज के भय से पुलिस में शिकायत देने से कतराते हैं। राजधानी लखनऊ में ये व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। यूपी में वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और मेरठ के तमाम होटलों में इन दिनों ऐसे व्यापार को अंजाम दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस व्यापार में तमाम वेबसाइट व ऐप बनाकर क्लाइंट को फंसाया जाता है। क्लब के सदस्य अपने प्रोफाइल में गलत नाम, पता और फोन नंबर दर्ज करते हैं। इसमें 18-25 साल के लड़कों को खासतौर से झांसे में फांसने की कोशिश होती है। होटल रिसेप्शनिस्ट हत्या के केस में भी आरोपी की उम्र 21 साल के आस-पास बताई जा रही है। ऐप्स के जरिए युवकों को फंसाकर उन्हें होटल बुलाया जाता है।