नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के रक्षा उपकरणों के उत्पादन में विदेशी निर्माताओं पर निर्भरता घटा कर स्वदेशी क्षमता विकसित करने पर जोर दिया है। राजनाथ ने आज भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण विषय पर यहां आयोजित एक संगोष्ठी में दिए अपने भाषण के दौरान स्वदेशी क्षमता को बढ़ाने की बात कही। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए भारतीय वायुसेना की प्रशंसा की। उन्होंने वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ तालमेल रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
सिंह ने बताया कि भारत दुनिया में रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। सिंह ने कहा, देश के अंदर जो उत्पादन होता है, उसमें मूल उपकरणों के लिए विदेशी निर्माताओं पर निर्भरता रहती है। हमें विदेशी निर्माताओं पर निर्भरता में कटौती कर स्वयं व्यापक क्षमता को विकसित करने की आवश्यकता है। अपने संबोधन में सिंह ने रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई कई नीतिगत पहलों के बारे में भी बताया। उल्लेखनीय है कि 2018-19 में देश के सभी रक्षा उद्योगों के उत्पादन लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का था। इसमें निजी क्षेत्र के रक्षा उद्योगों का योगदान 16 हजार करोड़ रुपये का था।