प्रत्येक वर्ष सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार आता है। इस साल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह पर्व सावन के आखिरी सोमवार 7 अगस्त को आ रहा है।
इस बार यह शुभता नहीं बल्कि अपने साथ लेकर आ रहा है ग्रहण का काला साया। सिर्फ कुछ मिनिट के शुभ समय में ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर सजानी होगी राखी। जब भी कोई कार्य शुभ समय में किया जाता है, तो उस कार्य की शुभता में वृ्द्धि होती है। भाई-बहन के रिश्ते को अटूट बनाने के लिए राखी बांधने का कार्य शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।
7 अगस्त की सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षा बंधन हेतु शुभ समय है। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी होगा जो रात्रि 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा। चंद्र ग्रहण से 9 घण्टे पूर्व सूतक लग जाएगा। इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा। चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा। ज्योतिष विद्वान कहते हैं कि भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए। ऐसा नियम है। चंद्र ग्रहण के प्रभाव के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, इस दौरान पूजा-पाठ नहीं होगा। जब सूतक आरंभ हो जाता है तो केवल मंत्रों का जाप किया जा सकता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं होता।