लखनऊ। ‘यूपी 100 डॉयल का दूसरा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी ओपी सिंह ने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि पीआरबी के रिस्पॉन्स टाइम में लगातार सुधार हो रहा है। जवान इसी तरह आगे भी लोगों की मदद करते रहें। गुरुवार को यूपी 100 भवन में आयोजित ‘प्रस्तुतिकरण एवं प्रेस वार्ता’ को डीजीपी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि दिन हो रात, एक कॉल पर लोगों की मदद करने के लिये हमेशा ही यूपी 100 के जवान पहुंचते हैं। उनके सामने जाम से लेकर अन्य कई समस्याएं होती हैं, लेकिन अपनी जिम्मेदारी के वह हमेशा तत्पर रहे हैं। वर्तमान समय में ‘यूपी 100 डॉयल के नाम से पहचान बना चुकी ‘डॉयल 100’ आपातकालीन सेवा के दो वर्ष होने होने के उपलक्ष्य में 10 जनवरी 2019 को दूसरी वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। समारोह का आयोजन शहीद पथ स्थित डॉयल 100 के मुख्यालय में किया गया था। दूसरी वर्षगांठ पर तमाम पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। पहले भव्य कार्यक्रम में यूपी के नये डीजीपी ओपी सिंह की कमी महशूस हो रही थी, लेकिन इस दूसरे समारोह में डीजीपी की उपस्थिति ने चार चाँद लगा थे। इस कार्यक्रम की तैयारियां पिछले कई दिनों से ही चल रही थीं।
यूपी पुलिस आपातकालीन प्रबंधक प्रणाली का एक साल पूरा होने पर पुलिस ने शहीद पथ स्थित मुख्यालय में जश्न मनाया। इस दौरान पूरी बिल्डिंग को दुल्हन की तरह सजाया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीजीपी ओपी सिंह एवं एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार मौजूद रहे। उन्होंने डॉयल 100 का भ्रमण कर पुलिसकर्मियों की सराहना की। डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई भी की। इस दौरान एडीजी यूपी 100 डीके ठाकुर ने डॉयल 100 की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दो साल के भीतर पुलिसकर्मियों ने इस आपातकालीन सेवा में करीब एक करोड़ घटनाओं में मदद की है। एक साल पूरा होने पर 47,25,034 घटनाओं में डॉयल 100 ने सहायता पहुंचाई थी। यूपी 100 के कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों को भी भ्रमण करवाकर पूरे सिस्टम को समझाया। डीजीपी ओपी सिंह ने इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉयल 100 के जनपद प्रभारी व डॉयल पुलिसकर्मियों और नागरिकों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। “राज्य व्यापी पुलिस आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली” यानि ‘यूपी 100 डॉयल ने पूरे उत्तर प्रदेश में एक अलग छाप छोड़ी है।
यह आपातकालीन पुलिस सेवा “शहर हो या देहात, ‘यूपी 100 डॉयल’ आप के साथ” स्लोगन के साथ कार्य कर रही है। डॉयल 100 केवल फोन से नहीं बल्कि ई-मेल और ट्विटर के जरिये सोशल मीडिया के माध्यम से भी तुरंत सहायता प्रदान करती है। डॉयल 100 हजारों लोगों की जान बचा चुकी है। ये आपातकालीन सेवा घटना की सूचना मिलते ही 10 से 15 मिनट के भीतर घटना स्थल पर पहुंचकर तत्काल कार्रवाई करती है। डायल 100 हर समय पूरे प्रदेश में करीब 8 हजार पॉइन्स पर मौजूद रहती है और इससे कहीं ज्यादा घटनाओं को रोजाना कवर करती है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में एक लाख से ज्यादा ग्रामीणों और शहरी लोगों को अपनी सेवा प्रदान कर प्रदेश के 22 करोड़ लोगों का विश्वास डॉयल 100 पर बना हुआ है। डॉयल 100 के पास 3200 गाड़ियां बेहद हाईटेक गाड़ियां उपलब्ध हैं, जो अपनी तत्काल सेवा में तैयार रहती हैं। आकस्मिक सेवाओं 101 और 108 के साथ यूपी-100 का एकीकृत है, ताकि समय रहते लोगों को सहायता दी जा सके। यूपी 100 ने दो साल के भीतर एक करोड़ से अधिक सूचनाओं का निवारण किया है।
इनमें 25 लाख विवादों में आवश्यक कार्रवाई, 7 लाख से अधित सड़क दुर्घटनाओं में मौके पर सहायता प्रदान कर सैकड़ों लोगों की जान बचायी गयी। जबकि अब तक 2000 लोगों की आत्महत्या के प्रयास से भी इस सेवा ने बचायी। इस सेवा ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सेवा कर सुर्खियां भी बटोरी हैं। इनमें कुछ घटनाएं ऐसी हैं जिनमें परिवार से बिछड़े हुए कई लोगों को उनके परिवार से मिलाकर उनके चेहरे पर खुशियां पुलिसकर्मियों ने लौटायी। इतना ही नहीं इस सेवा ने परेशानी और मुसीबत में फंसे हुए बेजुबान असहाय पशुओं की सहायता कर उनकी जान बचाकर बचाने का भी नेक काम किया है। गौरतलब है कि सपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार यूपी 100 डॉयल लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। घटना की सूचना सूचना मिलते ही यूपी 100 के कर्मचारी फौरन मौके पर पहुंच जाते हैं। सपा सरकार ने यूपी में पहले से चल रही डॉयल 100 सेवा का नाम बदलकर यूपी 100 डॉयल कर दिया था।
सीएम अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में लोकभवन स्थित ऑडिटोरियम में इस सेवा के लोगो और यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेज ऐप को लॉन्च किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों के संदेश और ऐप की खूबियों के बारे में बताया गया। अखिलेश ने कहा था कि इस सिस्टम को ऐसे तैयार किया गया है कि अधिकारी चाहे कैसा भी हो सिस्टम बेहतर चलेगा। अच्छे या खराब अधिकारी की तैनाती से इसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने “यूपी 100 डॉयल के शहीदपथ स्थित मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉयल 100 को प्राप्त 9001 सार्टिफिकेशन का अनावरण किया था। इस दौरान उनके साथ तत्कालीन एडीजी यूपी 100 अनिल अग्रवाल सहित पुलिस विभाग के भारी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे थे। डीजीपी ने कार्यक्रम के दौरान यूपी 100 की हस्तपुस्तिका का भी विमोचन किया था। साथ ही डीजीपी ने डॉयल 100 के काम करने के तरीकों के बारे में भी नए निर्देश जारी किये थे।
इस दौरान पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा था कि प्रदेश में लगातार अपराधों में इजाफा होने की सूचना आ रही है। इसके लिए उन्होंने यूपी 100 को प्रथम अहमियत देते हुए इस पर और सक्रियता से काम करने के लिए यूपी 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों को हिदायत दी थी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की यूपी डायल 100 पर 18 हजार पुलिस हर रोज तैनात रहती है। उन्होंने कहा कि यूपी 100 परियोजना के प्रशासनिक नियंत्रण, प्रभावी संचालन एवं पर्यवेक्षण के विभिन्न स्तरों के संबध में स्पष्टता व यूपी 100 एवं अलग-अलग जनपदों के पुलिस अधिकारियों के माध्य सामंजस्य स्थापित कर यूपी 100 के सुचारू रूप संचालन के लिए ही यूपी 100 की हस्तपुस्तिका निकाली गई है। इस पुस्तिका में यूपी 100 के बारे में विधवत जानकारी दी गई है। यूपी सेवा की देश भर में प्रशंसा होने के साथ ही अब विदेशों में भी तारीफ हो रही है। अमेरिका ने यूपी पुलिस आकस्मिक सेवा यूपी डायल-100 को आइकन अवार्ड 2017 से सम्मानित किया था। यह अवार्ड लॉस वेगास में हेक्सागॉन सेफ्टी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के वार्षिक सम्मेलन में दिया गया था।