अशाेक यादव, लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर नारी बंदी निकेतन कारागार से 75 महिला बंदियों को रिहा किया। रिहा हुई 54 बंदी आज राजभवन पहुंची जहां राज्यपाल ने उन्हें बतौर उपहार साड़ी, शाल तथा मिष्ठान दिया। राज्यपाल ने कहा कि कारागार से मुक्त होकर आप सभी अपने परिजनों पास जा रही हैं। आप संकल्प लें कि जिस किसी कारण से आपसे अपराध हो गये हैं उनकी अब कभी पुनरावृत्ति नहीं होगी।
इसके साथ राज्यपाल ने कहा कि घटना भूलें, बदले की भावना से बचें यह तभी सम्भव है जब आप अपनी सोच बदलेंगी। इसलिये गलत विचारों से मुक्त होकर अपना कार्य कर आगे बढ़ने का प्रयास करें। कारागार में रहकर सभी ने अपनी-अपनी रूचि के अनुसार जो हुनर सीखे हैं, उसको अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़े और अपने परिवार का सहारा बनें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जो भी महिला बंदी रिहा हुई हैं। उन सभी के खातों में कारागार विभाग द्वारा कारागार में उनके द्वारा कमाई गई धनराशि खाते में डाल दी गई है। जिसका उपयोग उन्हें बड़ी ही सावधानी से करना है ताकि उसका कोई दुरूपयोग न कर सके। आय की धनराशि का उपयोग अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व उन्हें हुनरमन्द बनाने में करने की राय भी राज्यपाल ने बंदियों को दी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा “बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध लेय। उनका कहना था कि आप पुरानी घटनाओं को भूलते हुये अपने आगे के जीवन को अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से बितायें। किसी भी प्रकार की बदले की भावना से दूर रहें। उन्होंने बताया कि जेलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है ताकि बंदियों को मूलभूत सुविधायें प्रदान की जा सकें।
प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को भी कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया जा रहा है। प्रदेश की जेलों में करीब 14 लाख बंदी वर्तमान समय में बंद हैं। इनमें से करीब 92 हजार बंदियों को कोरोना टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वहीं 20 हजार बंदी ऐसे भी हैं जिन्हें कोरोना टीके की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है।
राजभवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास वी. हेकाली झिमोमी, महानिदेशक कारागार आनंद कुमार, एडीजी जेल शरद कुमार कुलश्रेष्ठ सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।