लखनऊ : राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले बीएसपी विधायक अनिल कुमार सिंह को मायावती ने पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। मायावती द्वारा लिए गए इस कड़े फैसले के बाद अनिल ने कहा है कि उन्होंने बीजेपी को वोट देकर क्षत्रिय धर्म का पालन किया था। सूत्रों के मुताबिक रविवार को बीएसपी विधायक ने कहा कि वह समझौता करने वाले राजनेता नहीं हैं, उनके पास पहले से ही काफी पैसे हैं, इसलिए समझौता करने का यहां कोई सवाल नहीं है। उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के कामों से प्रभावित होकर बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया। साथ ही अनिल ने कहा कि उन्होंने वही किया जो उनके चुनाव क्षेत्र के मतदाता चाहते थे।पुरवा, उन्नाव से 38 वर्षीय बीएसपी विधायक अनिल कुमार सिंह ने कहा, ‘राजनीति में कदम रखने से पहले मेरा अच्छा खासा रियल एस्टेट का व्यापार था। एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए जितने पैसों की जरूरत होती है, उतने पैसे मेरे पास हैं। अगर मैं अपनी जात के मुताबिक पार्टी ज्वाइन करना चाहता तो मैं कभी भी बीएसपी में शामिल नहीं होता। मुझे लगा कि बीएसपी सबसे ज्यादा गरीबों के बारे में सोचती है, इसलिए मैं इस पार्टी से जुड़ा, लेकिन पिछले कुछ महीनों में मैंने पार्टी की सच्चाई देख ली।’
अनिल का कहना है कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ के लिए बीएसपी के खिलाफ में वोट दिया। उन्होंने कहा, ‘मैंने जब भी योगी जी से समय मांगा, उन्होंने मुझे मिलने का समय दिया। पिछले साल उन्होंने खुद मुझे मेरे ऑफिस में कॉल करके मेरे द्वारा उठाई गई ‘कमिशन इन हाउसिंग’ स्कीम पर बात की। उसके बाद अधिकारियों ने मेरे निर्वाचन क्षेत्र का तीन बार दौरा किया और पूरी समस्या को सुलझाया। जब मेरे क्षेत्र के 100 गांव इलेक्ट्रिफिकेशन स्कीम के तहत आने से चूक गए, तब उन्होंने इस बात को समझा। किसी काम को करने के लिए पक्षपात नहीं किया।’ उन्होंने सपा-बसपा मेल पर कहा, ‘मैं उन लोगों से हाथ मिलाकर, जिन्हें मेरे क्षेत्र के लोग पसंद नहीं करते, मेरे लोगों को दुखी नहीं कर सकता था। मैंने अपने लोगों से वादा किया है कि अगले पांच सालों में मैं यहां एक अच्छा अस्पताल बनवाऊंगा। यहां तक कि योगी जी ने भी मेरी इस बात का समर्थन किया है। एक क्षत्रिय को हमेशा सही बात के लिए लड़ना चाहिए, दूसरों की रक्षा करनी चाहिए। यही मैंने भी किया। मैंने क्षत्रिय धर्म निभाया। मैंने जो कुछ भी किया उन लोगों के लिए किया जिन्होंने मुझे वोट दिया था।’