लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 12 सीटों पर अभी भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो पाई है। इनमें कुछ सीटें समीकरणों में अटकी हैं। वहीं, कुछ पर दमदार चेहरों की तलाश जारी है, जो भाजपा की जीत सुनिश्चित कर सकें। इनमें गोरखपुर और फूलपुर सीटें भी शामिल हैं, जहां भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है। लोकसभा चुनाव 2014 में गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ और फूलपुर से केशव मौर्य सांसद निर्वाचित हुए थे। वहीं, जूताकांड को लेकर चर्चा में आए संतकबीरनगर से सांसद शरद त्रिपाठी की सीट पर भी अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि इसके आसपास की सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। गोरखपुर से निर्वाचित सांसद योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। फूलपुर से निर्वाचित हुए सांसद केशव मौर्य ने भी उप मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी थी।
वैसे फूलपुर सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पुत्र, प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और भाजपा विधायक प्रवीण पटेल दावेदार हैं। पार्टी नेतृत्व यहां किसी ऐसे चेहरे पर दांव लगाना चाहता है, जो चुनाव को चर्चा में ला दे। कलराज मिश्र की सीट देवरिया और उमा भारती की सीट झांसी पर भी भाजपा के उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं। मिश्र और उमा भारती चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। जौनपुर से इस समय कृष्णप्रताप सिंह, अंबेडकरनगर से हरिओम मिश्र, लालगंज से नीलम सोनकर, बांदा से भैरौ प्रसाद मिश्र सांसद और घोसी से हरिनारायण राजभर को भी चुनाव लड़ाने या न लड़ाने का फैसला अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसके अलावा राबर्टसगंज सीट से इस समय भाजपा के छोटेलाल खरवार सांसद हैं। इस बार यह सीट अपना दल ने अपने लिए मांग ली है और इसकी एवज में पिछली बार मिली सीट प्रतापगढ़ को छोड़ दिया है। प्रतापगढ़ से इस समय अपना दल के कुंवर हरिवंश सिंह सांसद हैं। जाहिर है कि भाजपा को इस सीट पर भी उम्मीदवार का फैसला करना है। इसके अलावा भदोही से मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को भाजपा ने भरत सिंह की सीट बलिया पर भेज दिया है। भदोही से भी अभी भाजपा उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।