अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी में वैक्सीनेशन की तैयारियों के बीच कोरोना की निगरानी के लिए छह और नए बायोसेफ्टी लेवल-3 लैब स्थापित किए जाएंगे। ये सभी आधा दर्जन लैब प्रदेश के छोटे एवं अपेक्षाकृत पिछड़े जिलों के सरकारी मेडिकल कालेजों में स्थापित किए जाएंगे।
इस समय प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में 10 बीएसएल-2 लैब हैं जबकि तीन बीएसएल-3 लैब हैं जहां कोविड के सैम्पलों की जांच की जा रही है।
इसके अलावा निजी क्षेत्र के 16 मेडिकल कालेजों में भी बीएसएल-2 लैब संचालत किए जा रहे हैं। जांच कार्यों में तैजी लाने के लिए सरकार ने आधा दर्जन और नए लैब स्थापित करने का निर्णय किया है।
जानकार बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा कोविड 19 से संक्रमित व्यक्तियों के समुचित इलाज के लिए राज्य सरकार प्रदेश में युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। लिहाजा सरकार ने प्रदेश के सरकारी क्षेत्र की 24 तथा निजी क्षेत्र की 28 चिकित्सा संस्थाओं को लेबल-2 अथवा डेडिकेटेड लेबल-3 स्तर का कोविड अस्पताल बनाया गया है।
आईएमएस बीएचयू को भी लेबल-3 डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है जबकि लखनऊ के केजीएमयू, एसजीपीजीआई तथा गोरखपुर और प्रयागराज में नए डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल शुरू किए गए हैं। इन सभी जगहों पर जांच की सुविधा मुहैय्या करा दी गई है।
इन्हीं लैबों में आसपास के जिलों के सैम्पलों की भी जांच की जा रही है। इससे समय और धन दोनो अधिक व्यय होते हैं। इसी समय और धन के व्यय को कम करने के लिए सरकार ने डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों के कार्यक्षेत्र में आने वाले जिलों के मेडिकल कालेजों में बीएसएल-3 के लैब स्थापित करने का निर्णय किया है।
जानकारों का कहना है कि आधा दर्जन में से तीन बीएसएल-3 लैब का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है जबकि बाकि बचे तीन अन्य के निर्माण कार्य भी शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। शीर्ष प्राथमिकता वाले इस कार्य को सरकार ने शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
स्वशासी राज्य मेडिकल कालेज मिर्जापुर, महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कालेज झांसी, राजकीय मेडिकल कालेज बांदा, महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज, अम्बेडकर नगर, मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज, मुजफ्फरनगर तथा राजकीय मेडिकल कालेज फिरोजाबाद।