बेंगलुरू। ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को राहत देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को गाजियाबाद पुलिस को उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू करने से रोक दिया। गाजियाबाद पुलिस ने एक मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले की जांच के सिलसिले में उन्हें तलब किया है।
न्यायमूर्ति जी नरेंद्र की एकल पीठ ने कहा कि पुलिस डिजिटल तरीके से माहेश्वरी से पूछताछ कर सकती है। पीठ ने कहा, “अगर पुलिस याचिकाकर्ता (मनीष माहेश्वरी) से पूछताछ करना चाहती है तो वे डिजिटल तरीके से ऐसा कर सकते हैं।”
अदालत ने कहा, “अगर इस मामले में विचार करने की आवश्यकता है तो हम इसे 29 जून के लिए सूचीबद्ध करते हैं। इस बीच प्रतिवादियों पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई शुरू करने से रोक है।”
पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता का यह मामला है कि उन्होंने डिजिटल तरीके से शामिल होने के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस का जवाब दिया है। प्रतिवादी (गाजियाबाद पुलिस) ने अनुरोध पर आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया और धारा 41 (ए) के तहत नोटिस जारी कर आरोपी की श्रेणी में डाल दिया।”
माहेश्वरी की ओर से पेश वकील सी वी नागेश ने कहा कि किसी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक मुस्लिम को ‘जय श्री राम’ और ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया था तथा मना करने पर उनकी दाढ़ी काट दी गयी।