अशाेक यादव, लखनऊ। दक्षिण अफ्रीका से आए कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने देश-विदेश में इन दिनों तबाही मचा रखी है। अब उत्तर प्रदेश में ओमिक्रॉन का दायरा बढ़ रहा है। इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब जितने सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है, उसमें से 90 प्रतिशत में ओमिक्रोन वेरिएंट मिल रहा है। ऐसे में अब जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए प्रोटोकॉल में भी बदलाव किया जा रहा है। स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर विकास सिंधु अग्रवाल के मुताबिक अस्पतालों में भर्ती रोगियों के सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे।
अब तक कुल 275 मरीज ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिल चुके हैं। जिनमें से 6 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा 114 रोगी लखनऊ में मिले हैं और दूसरे नंबर पर 99 मरीज वाराणसी में है।
प्रदेश में मंगलवार को 164 मरीज सामने आए और करीब 183 सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई। इससे पहले दो चरणों में 303 सैंपल की हुई जीनोम सीक्वेंसिंग में कुल 111 रोगी ओमिक्रॉन वेरिएंट के मिले थे। इस तरह अभी तक कुल 485 सैंपल जांचे गए हैं और इसमें से 275 रोगी ओमिक्रॉन वेरिएंट के मिल चुके हैं।
अब आगे जांच के प्रोटोकॉल में भी बदलाव किया गया है। अब अस्पतालों में भर्ती मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस समय अस्पतालों में कोरोना के कुल 1461 रोगी भर्ती हैं। फिलहाल दूसरे देश और ऐसे राज्य जहां ओमिक्रॉन वेरिएंट के अधिक मरीज हैं, वहां से आ रहे लोगों की कोरोना जांच कराने के बाद सख्त निगरानी की जा रही है।
देश की बात करें तो अब तक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 1247 रोगी ओमिक्रॉन के मिले हैं। इसके बाद राजस्थान में 645, दिल्ली में 546, कर्नाटक में 479 और केरल में 350 रोगी कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिल चुके हैं। संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उज्जवला घोषाल के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक डेल्टा वैरीएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरीएंट ज्यादा तेजी से फैलता है।
इससे संक्रमित व्यक्ति से 1 मिनट के संपर्क में रहने वाला व्यक्ति चपेट में आ सकता है। ऐसे में 2 गज की शारीरिक दूरी के नियम को सख्ती से पालन करें और मास्क जरूर लगाएं।