अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी बोर्ड 2021 के परीक्षार्थियों को कैसे प्रमोट किया जाये, इस बारे में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में सोमवार को आयोजित दूसरी बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया है। माध्यमिक शिक्षा अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान अभिभावकों व इंटर कॉलेजों कें प्रधानाचार्योंं से लिए गये सुझावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
इस दौरान विभाग के कई अधिकारी भी आनलाइन मीटिंग में शमिल हुए। इसके साथ ही वीडियो कान्फ्रेसिंग में अलग-अलग जिलों से राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य और अभिभावक संघो के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए हैं। अब इन सुझावों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। ऐसे में अधिकारियों ने उम्मीद जताई है। छात्रों को प्रमोट करने के लिए अंतिम निर्णय को लेकर जल्द ही शासन में बैठक बुलाई जायेगी।
इसके साथ ही सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को अपर मुख्य सचिव ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि जब तक औपचारिक रूप से विद्यालयों में कक्षाएं प्रारम्भ नहीं हो जाती, तब तक ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जाए। जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जनपद के समस्त विद्यालयों के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते रहें तथा ऑनलाइन कक्षाओं का पर्यवेक्षण नियमित रूप से करते रहें। बैठक में विशेष सचिव, उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव जय शंकर दुबे, शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय शामिल हुए।
प्रधानाचार्यों ने इंटरमीडिएट के परीक्षाफल के लिए सुझाव देते हुए कहा कि हाईस्कूल में प्राप्त प्रतिशत, कक्षा-11 के अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा, कक्षा-12 की प्री बोर्ड परीक्षा को सम्मिलित करते हुए अंकों का निर्धारण किया जाए। वहीं फतेहपुर से सर्वोदय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जवाहर सिंह ने कहा कि हाईस्कूल परीक्षा के लिए कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा तथा कक्षा-10 की प्री बोर्ड परीक्षा अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंको को सम्मिलित कर परीक्षाफल बनाया जाए।
आनलाइन वार्ता में अभिभावक संघ के अध्यक्ष फतेहपुर निवासी आत्माराम कहा कि हाईस्कूल परीक्षाफल हेतु कक्षा-10 का प्री बोर्ड तथा कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अंकों को आधार बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सीधे अंक निर्धारित कर दिए जायेंगे तो इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा।
आनलाइन वार्ता में गाजीपुर दुर्गास्थान हिन्दू मुस्लिम इंटर कॉलेज से शिक्षक जियारत हुसैन ने सुझाव दिया कि यदि कोई छात्र परीक्षा देना चाहता है तो उसे सुधार का अवसर दिया जाए तथा परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेज में बनाया जाय।
वहीं प्रधानाचार्या डॉ रामचन्द्र शुक्ला ने कहा कि प्री बोर्ड के अंको को अधिक महत्व दिया जाय। अरूण कुमार सिंह, प्रधानाचार्य ने कहा कि पत्राचार माध्यम से अध्ययनरत छात्रों की तरफ ध्यान आकर्षित किया। प्रधानाचार्य डॉ सुखपाल सिंह तोमर ने कहा कि जो छात्र किन्हीं कारणों से प्री बोर्ड अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं, उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदान कर दिया जाय।