अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच लोगों की निगाहें पंचायतवार आरक्षण सूची पर टिकी है। चंदौली जिले में इस बार साढ़े चार सौ से ज्यादा गांव ओबीसी या एससी के लिए आरक्षित हो सकते हैं। क्योंकि 1995 से ये गांव कभी आरक्षित नहीं हुए हैं।
इस बार आरक्षण के लिए रोटेशन की व्यवस्था की गई है, इसके बाद से यह तय हाे गया है कि इस बार ये गांव आरक्षित होने जा रहे हैं। दो या तीन मार्च को जिला प्रशासन की ओर से आरक्षण सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
बता दें कि इस बार नई आरक्षण नीति के तहत 1995 से 2015 तक सामान्य अथवा अनारक्षित रहे ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत व ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को मौका देने का फैसला लिया गया है। चंदौली जिले में 365 ग्राम पंचायतें अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो सकती हैं।
इसमें अनुसूचित जाति के लिए 166 पद आरक्षित हो जाएंगे। इसमें 57 पदों पर महिलाएं व 109 पर पुरूषों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। इसी प्रकार 199 ग्राम प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो सकती है। इसमें 70 महिला और 129 पद पुरुषों के लिए आरक्षित होने की संभावना है।
डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से तीन मार्च को आरक्षण सूची का पहला प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई। दावा और आपत्तियां प्राप्त करने के लिए आठ मार्च तक का समय दिया जाएगा। इनके निस्तारण के बाद 14 मार्च को अंतिम आरक्षण सूची जारी की जाएगी। इसके बाद आरक्षण सूची में बदलाव नहीं होगा।