अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 90.6 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 8,727 मामले आए हैं। यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38055 मामलों से लगभग 29 हजार कम है। पिछले 24 घंटों में 21,108 संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद डिस्चार्ज हुए हैं।
वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,36,342 है, जो 30 अप्रैल की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1.74 लाख कम है। इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 56 फीसदी की कमी आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कोरोना प्रबंधन के लिये गठित टीम-9 की बैठक में कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही अपनाई है। 17 मई को हमने साढ़े चार करोड़ कोविड टेस्ट की सीमा को भी पार कर लिया। यह किसी भी प्रदेश में हुआ सर्वाधिक टेस्ट है। अब तक प्रदेश में 4,52,31,090 टेस्ट हो चुके हैं।
सोमवार को कुल 2,79,581 कोविड टेस्ट किये गये। इसमें से 1,14,066 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के माध्यम से हैं। उन्होने कहा कि ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाये, इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए।
आपदाकाल में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत प्राप्त हो रही है। यह व्यवस्था का उल्लंघन तो है ही, मानवता के विरुद्ध भी है। सभी जिलों में ऐसी गतिविधियों पर सतत दृष्टि रखी जाए। शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए इनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि रेमेडेसीवीर सहित किसी भी जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। यदि इन गतिविधियों में किसी मेडिकल या पैरामेडिकल स्टाफ की संलिप्तता हो, तो उनकी प्रोफेशनल डिग्री को निलंबित भी किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी व सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों के निधन के उपरांत उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई न हो। यदि मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई है तो मृत्यु प्रमाण पत्र पर स्पष्ट उल्लेख किया जाए। इस संबंध में आवश्यकतानुसार शासनादेश भी जारी कर दिया जाए।