अशाेक यादव, लखनऊ। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी समेत कई भाजपा नेता अब सपा में शामिल हो सकते है। माना जा रहा है कि इनके शामिल होने से भाजपा के चर्चित चेहरे भी साइकिल थाम सकते है। हालांकि सियासी गलियारों में इस्तीफा मात्र से हड़कम्प मचा हुआ है।
प्रदेश विधानसभा चुनाव के औपचारिक घोषणा के साथ ही यहां बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। स्वामी प्रसाद ने योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। पिछड़ा वर्ग के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद के इस्तीफे के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनके साथ तस्वीर भी ट्वीट कर दी है। जिससे स्वामी प्रसाद के भविष्य का रास्ता भी स्पष्ट हो गया है। इतना ही नहीं, स्वामी प्रसाद के साथ-साथ मंत्री दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के भी भाजपा को अलविदा कह कर सपा में शामिल होने की अटकलें हैं।
साथ ही स्वामी प्रसाद समर्थक कुछ विधायक भी भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। इसके चलते भाजपा नेतृत्व में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। सूबे के सियासी गलियारों में कई दिनों से अटकलें तेज थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा को छोड़ अखिलेश की साइकिल पर सवार हो सकते हैं। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है।
दरअसल, 2017 के चुनाव में भाजपा को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपनी तरफ मोड़ने में लगे हैं। यही वजह है कि अखिलेश ने छोटे-छोटे दलों से गठबंधन के अलावा पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 के चुनाव में भाजपा में पिछड़ी जातियों को जोड़ने में अहम भूमिका अदा की थी, लेकिन उन्हें बसपा जैसा सियासी कद हासिल नहीं हो सका। भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके बेटे को टिकट मिला।