अशाेक यादव, लखनऊ। कोरोना के बाद अब वायरल फीवर ने अपने पैर पसार लिए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 58 जिलों में संदिग्ध वायरल डेंगू और फ्लू का प्रकोप है। अलग-अलग जिलों में 1358 मरीज सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा केस की बात करें तो फिरोजाबाद और मथुरा में वायरल फीवर के सबसे ज्यादा के मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश के 58 जिलों में संदिग्ध वायरल डेंगू और फ्लू का प्रकोप है। सबसे ज्यादा केस फिरोजाबाद और मथुरा में मिले हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू और संदिग्ध वायरल से जो मौतें हुई हैं, वो ज्यादातर निजी अस्पतालों या घरों में हुई है। जिनका सैंपल हम लोग नहीं ले सके थे।
उत्तर प्रदेश में 5 तारीख से बड़ा अभियान चलाया गया है। 58 जनपदों के साथ सभी 75 जिलों में घर-घर टीमें पहुंच रही है और बुखार से संबंधित जानकारी भी ले रही है। लखनऊ मेडिकल कॉलेज समेत कई बड़े संस्थान के डॉक्टर्स को भेजा गया है साथ ही नोडल अधिकारियों को भी भेजा गया था जो चार-चार दिन रहकर हर जिले में आए हैं। प्रतिदिन हम रिपोर्ट मांग रहे हैं यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने उन लोगों को भी सिझाव दिया है जिनके जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं है। उनसे छोटे अस्पतालों में इलाज करवाने से मना किया गया है। सरकारी अस्पतालों में पीकू वार्ड बनाए गएं हैं। विशेष डॉक्टर भी हैं, तो उनसे स्वास्थ्य मंत्री ने डिस्टिक हॉस्पिटल में उस वार्ड में भर्ती होने और उनसे वहां इलाज करावाने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है। हर 3 साल पर एसएसब्लू के केस आते हैं। 2019 में डेंगू ज्यादा फैला था और इस बार फिर डेंगू और संदिग्ध वायरल फैला है, जिस पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। संदिग्ध वायरल में 2 बीमारियों का नाम स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है जिसमें पहला लेप्टोस्पायरोसिस और दूसरा स्क्रब टाइफस है।
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ संगीता अनेजा का कहना है कि 60% मरीज डेंगू के हैं। उसके बाद वायरस फीवर वाले मरीज हैं। एक केस पहले स्क्रब टाइफस का आया था। लखनऊ से रिपोर्ट आई थी। हाई फीवर, पेट में दर्द, डिहाइड्रेशन, डायसेंट्री, वोमेटिंग की दिक्कतें लोगों में है। इस बार डेंगू का कहर ज्यादा है।