अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी का हर पांचवा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। चौकाने वाली बात यह है कि ये लोग कब कोरोना की चपेट में आए? कब ठीक हो गए? इन लोगों को इसका अहसास तक नहीं हुआ। यानी संक्रमित व्यक्तियों को किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं पड़ी। यह खुलासा यूपी के सीरो सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है।
सामुदायिक संक्रमण और हर्ड इम्युनिटी का पता लगाने के प्रदेश के 11 जिलों में सीरो सर्वे कराया गया था। चार से आठ सितंबर के बीच 16 हजार स्वस्थ्य व्यक्तियों के खून के नमूने लिए गए थे। 18 से 59 साल के बीच के व्यक्तियों को उनकी लिखित सहमति के बाद सर्वे में शामिल किया गया था। नमूनों को जांच के लिए केजीएमयू में भेजे गए थे। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा जांच में 22.1 प्रतिशत लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी पाई गई हैं।
लखनऊ में 1400 लोगों के खून के नमूने लिए गए थे। रिपोर्ट के हिसाब से 309.4 लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं कुल 16 हजार नमूनों में 3536 लोगों में एंटीबॉडी की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि यूपी की आबादी करीब 23 करोड़ है। रिपोर्ट के लिहाज से देखा जाए तो करीब पांच करोड़ आठ लाख से ज्यादा लोग सितंबर में ही संक्रमित होकर ठीक हो चुके थे। उस वक्त संक्रमण की रफ्तार कम थीं।
डॉक्टरों ने अब यह आंकड़ा और बड़ा होने की आशंका जाहिर की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता के मुताबिक सितंबर में ही प्रत्येक पांचवा व्यक्ति संक्रमित होकर ठीक हो चुका है। यह आंकड़े सामुदायिक संक्रमण की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहे हैं।
आगरा, बागपत, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, कौशाम्बी, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज व वाराणसी में सीरो सर्वे हुआ है।
सीरो सर्वे के तहत यह पता लगाया जाता है कि आखिर किसी जिले या शहर में कितने लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए। सीरो सर्वेक्षण में खून सीरम का परीक्षण किया जाता है। यह देखा जाता है कि किसी संक्रमण के खिलाफ उसमें एंटीबॉडीज विकसित हुईं हैं या नहीं। इससे सामुदायिक संक्रमण का अंदाज लगाया जा सकता है।