अशाेक यादव, लखनऊ। समाज कल्याण विभाग की योजना के अनुसार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत निर्धन कन्याओं की शादियां कराई जाती हैं। अनुदान के साथ ही आयोजन की पूरी ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार का समाज कल्याण विभाग निभाता है। इसी अध्याय में एक नया पन्ना जोड़ते हुए 5 दिसंबर को यूपी के हर जनपद में समाज कल्याण विभाग ने विवाह कराने का फैसला लिया है।
निर्धन कन्याओं के विवाह की योजना सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल है। शायद इसी वजह से हर जनपद में 500 से 1000 जोड़ियों की शादी कराने का लक्ष्य शासन की तरफ़ से दिया गया है।समाज कल्याण विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद लखनऊ में अब तक 374 जोड़ियों ने सामूहिक विवाह के लिए आवेदन किया है और आवेदन प्रक्रिया अभी भी जारी है।
खुद शादी करने पर 20 हजार रुपये और सामूहिक विवाह पर 51 हजार रुपये मिलता है। इसमें 35 हजार रुपये लड़की के बैंक खाते में भेजा जाता है और 10 हजार रुपये का शादी का सामान और छह हजार शादी में खर्च किया जाता है। ग्रामीण इलाके में रहने वाले परिवार की वार्षिक आय46,080 रुपये शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवार की आय 56,460 रुपये आवेदक को सूबे का निवासी होना चाहिए शादी के समय लड़की की आयु 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष पूरी होनी चाहिए।
निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री व दिव्यांग और विधवा को अनुदान में मिलती है प्राथमिकता। विकासखंडों, नगर पंचायतों व नगर निगम में सामूहिक विवाह अनुदान योजना या शादी अनुदान योजना के तहत किया जा सकता है आवेदन। शादी के तीन महीने पहले या शादी के तीन महीने बाद तक अनुदान के लिए आवेदन किया जा सकता है। सामान्य, अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक वर्ग के आॢथक रूप से कमजोर परिवार को अनुदान दिया जाता है।
आवेदन करने हेतु आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, इसके साथ ही किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता, मोबाइल नंबर, आवेदक की शादी का प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होती है।
विभाग द्वारा दिए गए अनुदान की वर्षवार सूची
2017 – 1322 शादियां
2018 – 1542 शादियां
2019 – 1654 शादियां
2020 – 1790 शादियां
2021 – 1050 शादियां