अशाेक यादव, लखनऊ। बीते 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश यूपीटीईटी-2021 की परीक्षा पेपर लीक होने से निरस्त कर दी गई थी। जिसे लेकर सरकार और शासन प्रशासन ने इस परीक्षा को दोबारा से कराने का निर्णय लिया था। इस संदर्भ में आदेश भी जारी किए गए थे।
शासन ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 के आगामी आयोजन के लिए पूर्व निर्धारित परीक्षा केंद्रों का फिर से परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार इस संबंध में बीते शनिवार देर रात शासनादेश भी जारी किया है। इसमें प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों से कहा गया है कि पूर्व निर्धारित परीक्षा केंद्रों का परीक्षण करा लिया जाए।
यदि परीक्षा केंद्र में परिवर्तन की स्थिति पाई जाती है तो संशोधित परीक्षा केंद्रों की सूची उनकी धारण क्षमता सहित निर्धारित समयावधि के अंदर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के कार्यालय को भेज दी जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर न्यूनतम 500 अभ्यर्थी व अधिक धारा क्षमता वाले विद्यालयों व महाविद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए।
जिले में कम-से-कम परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाए और उनका अधिक प्रभावी ढंग से पर्यवेक्षण किया जाए। वहीं, शासनादेश में यह भी कहा गया है कि परीक्षा का आगामी आयोजन नकल विहीन, सुचिता पूर्वक व सफलतापूर्वक कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों का सुचिता करण होना अत्यंत आवश्यक है।परीक्षा केंद्रों के निर्धारण और परीक्षा को सुचारू व सुचिता पूर्वक आयोजित कराने के लिए उत्तरदाई बनाया गया है।