वाशिंगटन। अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को लेकर रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच खुफिया जानकारियां उजागर करके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की योजनाओं को बेनकाब करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही वे यूक्रेन के मामले पर वैश्विक मत कायम करने के पुतिन के प्रयासों को विफल करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि रूस झूठ पर आधारित अभियान चलाकर यूक्रेन पर आक्रमण करने का मौका तलाश रहा है। वहीं, ब्रिटेन ने कहा था कि रूस यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को सत्ता से हटाकर वहां मॉस्को समर्थित सरकार बनाने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका ने रूसी सैनिकों की तैनाती का एक मानचित्र भी जारी किया है और ही विस्तारपूर्वक यह भी बताया कि अधिकारियों के अनुसार रूस लगभग 1,75,000 सैनिकों के साथ किस प्रकार यूक्रेन पर आक्रमण करने का प्रयास कर सकता है।
विशेषज्ञों ने व्हाइट हाउस को खुफिया जानकारियां साझा करने और झूठे दावे किये जाने से पहले ही उनके खंडन के लिये तैयार रहने का श्रेय दिया है। वहीं, रूस ने अमेरिका के दावों को झूठ बताकर खारिज कर दिया है। साथ ही उसने अतीत में अमेरिका की खुफिया नाकामियों का भी जिक्र किया है, जिनमें इराक के हथियार कार्यक्रमों के बारे में जानकारी साझा करना शामिल है।
रूस अपनी समग्र युद्ध नीति के तहत रणनीतिक रूप से दुष्प्रचार का इस्तेमाल कर भ्रम और मनमुटाव पैदा करने के लिये जाना जाता है। रूस ने जब 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर आक्रमण किया था, तो उसने क्षेत्र के रूसी जातीय निवासियों को प्रभावित करने के लिए एक अभियान चलाया था। इस बार अमेरिका का कहना है कि रूस यूक्रेनी नेताओं को हमलावरों के रूप में चित्रित करने और सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने के लिए अपने नागरिकों को राजी करने की कोशिश कर रहा है।