लखनऊ: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार संख्या साझा करने के संबंध में लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है. इसमें यह बताया जाएगा कि इस संदर्भ में उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना है. प्राधिकरण आधार संख्या को पैन, बैंक खाता और क्रेडिट कार्ड संख्या जैसी अन्य निजी सूचनाओं के समतुल्य बनाना चाहता है ताकि उपयोक्ताओं को अपनी निजी जानकारियां सार्वजनिक करने विशेषकर ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मंचों पर साझा करने के प्रति सावधान किया जा सके.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने बताया, ‘लोगों को यह बताना जरूरी है कि उन्हें बिना डरे, आजादी से आधार का इस्तेमाल करना चाहिए. इस संबंध में उन्हें इससे जुड़े सवालों और जवाबों की लिस्ट दी जाएगी.’ इस लिस्ट में लोगों को जागरूक करने से जुड़े छह सवालों के जवाब होंगे. यह मामला ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा के आधार नंबर ट्वीट कर लोगों को उनकी निजी जानकारी लीक करने की चुनौती दिए जाने के बाद चर्चा में है. यूआईडीएआई ने कहा कि आधार नंबर वैसे ही दिया जाना चाहिए जैसे कि कोई बैंक अकाउंट या अन्य कोई जानकारी दी जाती है.
यूआईडीएआई की संबंधित प्रश्नावली में यह भी बताया जाएगा कि केवल आधार नंबर देने से भर से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि यह बायोमीट्रिक्स व वन टाइम पासवर्ड जैसे सुरक्षा उपायों से लैस है. साथ ही इन बातों का जवाब भी दिया जाएगा कि क्या किसी का आधार नंबर लेने भर से क्या बैंक खाता खोला जा सकता है और फर्जी तरीके से पैसे निकाले जा सकते हैं. यूआईडीएआई ने जरूरी जांच के लिए बैंकों और अन्य संगठनों की भी जिम्मेदारी तय की है.