हरियाणा में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों व उद्योगों में सूबे के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं कैसे बढ़े, मनोहर सरकार अब इस पर चिंतन कर रही है। इसके तहत सरकार हरियाणवी यूथ को नौकरी देने वाली इंडस्ट्री को तीन साल तक प्रोत्साहन राशि देगी। प्रदेश सरकार चाहती है कि जो बड़े व मध्यम (ब्लॉक ए और बी वर्ग के) उद्योग हरियाणा में चल रहे हैं, उनमें सबसे पहले हरियाणा के युवाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्राथमिकता दी जाए। हालांकि इसके लिए सरकार का किसी औद्योगिक इकाई पर दबाव नहीं होगा, बल्कि उद्योगों के लिए यह एक प्रोत्साहन स्वरूप होगा। इसी पर काम करते हुए सरकार एक खास योजना तैयार कर रही है। जिसे जल्द लागू किया जाएगा। हरियाणा में यदि देखा जाए तो करीब 1.20 लाख सूक्ष्म एवं लघु उद्योग हैं। जबकि बड़े और मध्यम उद्योगों की संख्या 2415 है। हरियाणा में इन उद्योगों का एक्सपोर्ट भी सलाना 89006.17 करोड़ के आसपास है। लेकिन हरियाणा के यूथ को निजी सेक्टर के रोजगार में प्राथमिकता दिलवाने के लिए सरकार जो योजना बना रही है, उसमें बड़े और मध्यम वर्ग के उद्योगों ही फोकस रहेंगे।
इंडस्ट्रीज को यूं प्रोत्साहन देगी सरकार
योजना का जो खाका है, उसके तहत वर्ग ए और बी के जो भी उद्योग हैं, वे यदि हरियाणा के युवाओं को नौकरियों पर रखने में प्राथमिकता दिखाते हैं, तो उस इंडस्ट्री को हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा मूल के प्रति कर्मचारी युवा को नौकरी देने पर प्रतिमाह 3000 रुपये तीन साल तक दिए जाएंगे। यानी उस इंडस्ट्री को सरकार संबंधित कर्मचारी के लिए तीन साल में 1 लाख 8 हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि देगी। ताकि ऐसा करने केलिए अन्य हरियाणा की अन्य इंडस्ट्रीज भी प्रोत्साहित हों। संबंधित विभाग ने इसके लिए इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है। इस संबंध में इंडस्ट्रीज केलिए एक प्रोत्साहन योजना पर भी प्लानिंग की जा रही है। जिसके अंतर्गत इन उद्योगों को हरियाणा मूल के युवाओं को नौकरी देने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार का प्रयास है कि हरियाणा के युवाओं केलिए निजी सेक्टर में भी रोजगार के अवसर बढे़ और युवाओं को इसका लाभ मिले। ऐसा करने वाली इंडस्ट्रीज को सरकार की ओर से अन्य सुविधाओं में भी प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है।