दिल्ली: दिल्ली में सोमवार शाम को यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया, जिसके बाद अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा के हथिनीकुंड बांध से और पानी छोड़े जाने के कारण नदी में जल स्तर और बढ़ सकता है. निचले इलाकों में रह रहे लोगों को दिल्ली सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए दो हजार से अधिक टेंटो में भेजा गया है. यमुना नदी पर बने पुराने लोहे का पुल को अधिकारियों ने सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया है, क्योंकि पानी का स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक हो गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए करीब 10 हजार लोगों को निचले इलाकों से निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत टेंटों में भेजा गया है.”
केजरीवाल ने कहा कि अगले दो दिन ‘अहम’ होंगे और लोगों को आश्वासन दिया कि स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं. उन्होंने लोगों से भयभीत नहीं होने की अपील की. मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निचले इलाकों से 23,800 से अधिक लोगों को हटाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने यमुना नदी डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों से कहा कि राहत टेंट में चले जाएं और अपने घरों में नहीं रहें. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि शाम छह बजे नदी में जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा ऊपर यानी 205.36 मीटर तक पहुंच गया है. अधिकारी ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने की आशंका है क्योंकि हरियाणा ने सोमवार शाम छह बजे 1.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा. बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक रात नौ बजे यमुना 205.54 मीटर के निशान पर बह रही थी.