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यमुना का जलस्तर घटने से खतरा टला, लोगों ने ली राहत की सांस पर आफत अभी भी बरकरार

उरई/जलौन। शनिवार का दिन यमुना पट्टी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया। शुक्रवार को जल आयोग ने आशंका व्यक्त की थी कि शुक्रवार को जलस्तर और बढ़ेगा पर सुबह से ही यमुना का जलस्तर स्थिर रहा और दोपहर तक इसमें गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को यमुना का जल स्तर 112.35 मीटर तक पहुंच गया था,जो शनिवार को 40 सेंटीमीटर घटकर 111.95 में पहुंच गया, जबकि यहां खतरे का निशान 108 मीटर पर है। जिससे प्रशासन व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने राहत की सांस ली। लोगों का कहना है कि जलस्तर घटने से खतरा टला है पर आफत बरकरार है अभी भी इस क्षेत्र के 40 गांवों में बाढ़ का पानी भरा है। लोग अपने आशियानों को छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे है।  बता दें कि खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही यमुना ने तलहटी के गांवों में भारी तबाही मचा दी थी। लगातार बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जिले में बाढ़ को लेकर हाहाकार मचा था। ऐसे में बुधवार को राजस्थान से साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी यमुना व धरास में छोड़ा गया था। जिससे बाढ़ से जूझ रहे तलहटी के क्षेत्रों में समस्या और विकराल हो गई थी, जिसे लेकर प्रशासन भी हलाकान नजर आ रहा था। जल आयोग के रिपोर्ट में शुक्रवार को जल स्तर 112.35 से और बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई थी, पर शनिवार को जलस्तर न बढ़ने से सभी ने राहत की सांस ली। हालांकि पानी न उतरने से अभी भी गांवों में बाढ़ के हालात बने है। कालपी क्षेत्र के मदारपुर, देवकली, रायड़, जकसिया, सुरौली, सुरौला, गुलौली, मवई, सोंधी, जकसिया, मदरालालपुर, पाली, हीरापुर, देवकली, अभिर्वा, जमरेही, मैनुपुर, पड़री, मगरौल, नरहान, धर्मपुर, गुढ़ा खास, शेखपुर गुढा, पिपरौंधा, भदेख, महेवा आदि गांवों में पानी न बढ़ने से ग्रामीणों ने राहत की सांस तो ली, पर उनका कहना है कि भले ही बाढ़ का खतरा टल गया हो, पर उनकी मुसीबत जस की तस बनी है।

अभी भी गांवों के निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। कालपी क्षेत्र के ग्रामीण रामसिंह, विनोद, माताप्रसाद आदि का कहना है कि बाढ़ में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है अब वह कैसे जीविका चलाएंगे। एसडीएम भैरपाल सिंह का कहना है कि यमुना का जल स्तर घटा है, लेकिन अभी गांवों से पानी निकलने में एक दो दिन का समय लगेगा। अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने बताया कि कई दिनों के उफान के बाद यमुना का जलस्तर कुछ कम हुआ है। हालांकि यह मात्र 40 सेंटीमीटर है, लेकिन फिलहाल जल स्तर न बढ़ने से काफी राहत मिली है। उम्मीद है कि जल्द ही जलस्तर और घटेगा। वहीं पंचनद क्षेत्र के कई गांवों में पानी घटने की रिपोर्ट जल आयोग से मिली है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। फिलहाल गांवों में संक्रामक रोगों के फैसले की संभावना को देखते हुए बाढ़ प्रभावित प्रत्येक गांवों में स्वास्थ्य टीमें भेजी जा रही है। इसके साथ कृषि अधिकारी को निर्देश दिए गए है कि पानी उतरने के तत्काल बाद गांवों में सर्वे कराकर किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।

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