देहरादून: गुरुवार को तड़के अचानक मौसम ने करवट बदल ली। राजधानी देहरादून में सुबह से बादल छाए रहने के बाद बूंदाबांदी हुई। रुद्रप्रयाग सहित केदारनाथ में बादल छाए रहे। यहां बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। चमोली जिले में देर रात से हो रही बारिश आज सुबह आठ बजे थमी। यहां आसमान में बादल छाए हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। कड़ाके की ठंड से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। मौसम में आए इस बदलाव से राज्य में ठंड बढ़ गई है। प्रदेश के पांच जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम विभाग ने इसकी चेतावनी जारी की है। जबकि अन्य जिलों में बादल छाए रहने का अनुमान है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून के साथ हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में ओले गिरने का भी अनुमान है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बादल छाने और बारिश से दिन के तापमान गिरने की संभावना है।
हालांकि रात का तापमान सामान्य बना रहेगा। बुधवार को भी देहरादून समेत तमाम पर्वतीय जिलों में घने बादल छाये रहे। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा है। जिस कारण 31 जनवरी को मसूरी, चकराता, धनोल्टी समेत दो हजार या इससे ऊंचाई के इलाकों में बारिश और हल्का हिमपात हो सकता है। चारों धामों में भारी हिमपात की आशंका है। रुद्रप्रयाग, गोपेश्वर में पल-पल बदलता मौसम लोगों की परेशानी का सबब बन गया है। दो दिन तक खिली धूप के साथ खुशगवार रहने के बाद बुधवार शाम से केदारनाथ, बदरीनाथ व गंगोत्री-यमुनोत्री धाम सहित ऊंचाई वाले इलाकों में फिर से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। इससे निचले इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं बर्फ की आगोश में कैद गांवों में रह रहे लोगों की मुसीबतें और बढ़ गईं हैं। बुधवार को शाम से बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, नंदा घुंघटी के साथ ही नीती व माणा घाटी में बर्फबारी हुई। उधर, दोपहर बाद केदारनाथ धाम में हल्की बर्फबारी शुरू हुई। केदारधाम में अधिकतम तापमान 14.8 और न्यूनतम माइनस 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तरकाशी में बुधवार शाम करीब छह बजे से जिले के ऊंचाई वाले हिस्सों में हिमपात शुरू हो गया है। खरसाली निवासी रणवीर राणा ने बताया कि अभी तक फूलचट्टी से आगे सड़क बर्फ से अवरुद्ध पड़ी है। उधर, सुक्की, हर्षिल क्षेत्र में भी शाम से हिमपात शुरू हो गया। यमुनोत्री में बारिश और बर्फबारी के चलते जनपद में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। बुधवार को जिला मुख्यालय समेत निचली घाटियों में अधिकतम तापमान 15 डिग्री व न्यूनतम 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि बर्फबारी वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है। उत्तरकाशी में इस बार सर्दियों में हिमालयी क्षेत्र में हुई भीषण बर्फबारी ने निचले आबादी क्षेत्रों में मानव एवं वन्य जीव संघर्ष की स्थिति पैदा कर दी है। भारी बर्फबारी के चलते भरल, घुरल, काखड़ आदि वन्य जीव आहार की तलाश में निचले क्षेत्रों की ओर रुख करने लगे हैं। मानव एवं वन्य जीव संघर्ष की स्थिति को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। बीते दिनों नौगांव प्रखंड के किम्मी गांव में गुलदार ने गांव के पास बनी छानी पर धावा बोलकर तीन भेड़ों का निवाला बना डाला।
जबकि चिन्यालीसौड़ में गुलदार ने दो गायों का शिकार किया। वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने स्वीकारा कि बीते वर्षों में मौसम में आए बदलाव और इस साल भीषण बर्फबारी के चलते मानव एवं वन्य जीवों के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है। वन कर्मियों को भी इस तरह के इलाकों में गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार ने बताया कि आजकल भरल, घुरल आदि वन्य जीव गंगोत्री के आसपास तक पहुंच रहे हैं। हालांकि हर्षिल धराली से आगे का हिस्सा आजकल आबादी विहीन होने के कारण यहां शिकार का खतरा नहीं है। फिर भी गंगोत्री में मौजूद वन कर्मियों को निरंतर नजर रखने को कहा गया है। थल-मुनस्यारी सड़क दसवें दिन भी नहीं खुल सकी। हालांकि सड़क पर जमी बर्फ को हटाने का काम तेजी से जारी है।
क्षेत्र में 21 जनवरी को हुई बर्फबारी के बाद थल-मुनस्यारी सड़क रातापानी, पातलथौड़, कालामुनि, बेटुलीधार में बंद हो गई थी। बीते दिन मौसम खुलने पर मुनस्यारी और रातापानी की ओर से जेसीबी, स्नोकटर लगाए गए। बुधवार को भी चार जेसीबी और स्नोकटर मार्ग खोलने के लिए लगाए गए। सड़क पर बर्फ काफी अधिक जमी होने के कारण सड़क खोलने में दिक्कतें आईं। लोनिवि के उपखंड अधिकारी शरद जिंदल ने बताया कि बंद सड़क को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। तहसील प्रशासन के अनुसार मौसम ने बाधा नहीं पहुंचाई तो आज को यातायात बहाल हो जाएगा। इधर क्षेत्र एक दर्जन गांवों में विद्युत आपूर्ति भी बंद है। सड़क खुलने के बाद ही गिरगांव से ऊपरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन को ठीक करने का कार्य किया जाएगा।