नई दिल्ली: देश में बच्चियों के साथ बढ़ रही दुष्घ्कर्म की घटनाओं को लेकर केंद्र ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) में संशोधन को मंजूदी दे दी है। अब 12 साल तक के बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान शामिल कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संशोधन की सूचना दी है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने दुष्कर्म के मामले में पॉस्को एक्ट के तहत मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। इस एक्ट में विशेषकर 16 एवं 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामलों में दोषियों के लिये सख्त सजा की अनुमति है।
18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव इस कानून के दायरे में आता है। ये कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है। 2012 में बने इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है। पोक्सो कनून के तहत सभी अपराधों की सुनवाई, एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता या जिन लोगों पर बच्चा भरोसा करता है, उनकी मौजूदगी में सुनवाई का प्रावधान है।