नई दिल्ली: सालाना 1.50 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत 3000 रुपये पेंशन की व्यवस्था बजट में हुई है. केन्द्र सरकार का दावा है कि इससे करीब 3 करोड़ व्यापारियों को फायदा होगा. इस पर आम आदमी पार्टी (आप) की ट्रेड विंग ने आपत्ति जताते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. आप ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने पत्र में लिखा है कि मोदी सरकार की यह पेन्शन योजना पूरी तरह हास्यास्पद और समझ से परे है जिसको लेकर व्यापारियों में ही भारी असमंजस की स्थिति है इसलिए मोदी सरकार इस योजना की पुनर्समीक्षा करे. कुछ बिन्दु ऐसे हैं जिन पर व्यापारियों को आपत्ति है –
मोदी सरकार की पेंशन योजना1. अभी तक जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या ही करीब 1 करोड़ है, जिसमें लगभग 60 से 70 लाख ऐसे व्यापारी हैं, जिनका सालाना कारोबार 1.50 करोड़ से कम है, तो मंत्री ने यह कैसे कह दिया कि 3 करोड़ व्यापारियों को इस योजना का लाभ होगा?
2 . इस योजना का लाभ 18 से 40 साल उम्र के व्यापारियों को ही 60 साल उम्र होने के बाद मिलेगा. यदि 35 साल का कारोबारी योजना में शामिल होता है, तो 25 साल बाद 3000 रुपये की वैल्यू बेहद कम होगी. हैरानी की बात यह भी है कि व्यापारी को इसके लिए अलग से कुछ पैसे भी जमा कराने होंगे. जो टैक्स भर रहा है, उससे पैसे क्यों लिए जाएं?
3. इसके अलावा एक पहलू ये भी है कि व्यापार करने वाले ज्यादातर व्यापारी 40 साल से अधिक उम्र के हैं इस कारण ज्यादातर व्यापारी तो इस योजना से बाहर ही हो जायेंगे.
4 . इसके अलावा 25-30 साल बाद किसकी सरकार केंद्र में होगी, यह कोई नहीं जानता ,
पता नहीं उस समय की सरकार इस योजना को जारी भी रखेगी या नहीं. ऐसे में, यह पूरी स्कीम व्यापारियों की समझ से परे है.