मुंबई: गुजरात चुनाव में मोदी राष्ट्रीय नेता कम, क्षेत्रीय नेता ज्यादा बन गए हैं. शिवसेना ने पीएम मोदी पर ‘तमाशा करने’ और मौजूदा चुनाव अभियान को निचले स्तर तक पहुंचाने का आरोप लगाया. शिवसेना ने कहा कि मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए विकास के मुद्दे को छोड़कर अपने चुनाव अभियान में ‘मुगल शासन की कब्र खोदी.’ शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘गुजरात की जनता ने इन्हीं सब वजहों से कांग्रेस को गत 22 वर्षों से नकारा है. प्रधानमंत्री अपने गृह राज्य में विकास और प्रगति के मुद्दे को छोड़कर ‘तू-तू, मैं-मैं’ पर लगे हुए हैं.’ संपादकीय में इस बात की ओर इशारा किया गया कि कैसे मोदी अपनी जनसभा में कभी ‘बहुत भावुक’ और कभी ‘बहुत आक्रमक’ रुख अख्तियार कर लेते हैं. शिवसेना ने कहा कि मोदी ने यह दावा कर अपने को ‘छोटा बना’ लिया है कि निलंबित कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के उनके खिलाफ बयान से गुजरात की अस्मिता अपमानित हुई है.संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात चुनाव अभियान ड्रामेबाजी, भावुक भाषण देना, आंसू गिराना और तांडव करने तक पहुंच गया है और अंतिम चरण में, मोदी ‘मेरे देश के लोग मेरा परिवार हैं’ कहकर बहुत भावुक हो जाते हैं. संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि क्या इससे पहले के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का देश के लोगों के साथ कोई संबंध नहीं रहा है? इंदिरा गांधी जैसी नेता ने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जबकि कई अन्य ने देश के लिए वर्षों जेल में बिताए. संपादकीय में कहा गया है कि न केवल वे लोग, बल्कि सीमा पर शहीद होने वाले सैनिक भी उसी परिवार का हिस्सा हैं.
शिवसेना ने कहा, ‘यह (गुजरात) वही राज्य है जिसने हमें यह प्रधानमंत्री दिया और जहां भाजपा ने 22 साल शासन किया. भाजपा चुनाव प्रचार अभियान में निचले स्तर तक क्यों चली गई.’ उसने कहा, ‘जब महाराष्ट्र चुनाव में हमने अफजल खान का उल्लेख किया था तब भाजपा ने ऐतराज किया था और कहा था कि हम चुनाव प्रचार में नीचे के स्तर तक चले गए, लेकिन मोदी ने खुद ही गुजरात चुनाव प्रचार अभियान में मुगल शासन का जिक्र किया.’