अशाेक यादव, लखनऊ। एयरफोर्स के फाइटर विमान MIG-21 के क्रैश में शुक्रवार को शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर शनिवार को मेरठ स्थित उनके आवास पर पहुंचा। यहां पिता सत्येंद्र चौधरी ने शहीद अभिनव की मिलिट्री कॉलेज की टी-शर्ट पहनकर उन्हें आखिरी बार सलामी दी। ये अभिनव की सबसे पसंदीदा टी-शर्ट थी।
इस दौरान मांसत्या चौधरी, पिता सतेंद्र चौधरी व पत्नी सोनिका के साथ अन्य परिजन भी मौजूद रहे। वहीं शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। दूरदराज के गांवों से भी लोग अभिनव चौधरी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। गांव के रास्ते पर ग्रामीण हाथों में तिरंगे लिए उनके इंतजार में खड़े रहे।
इस दौरान भारत माता की जय और अभिनव चौधरी अमर रहे के जयकारों से पूरा गांव गूंज उठा। कुछ ही देर में गांव के श्मशान में सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर आज सुबह उनके मेरठ में गंगासागर आवास पर पहुंचा। इसके बाद पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पुसार में लाया गया।
सबसे पहले अभिनव का शव मेरठ के गंगानगर कालोनी स्थित उनके घर तिरंगे में लिपटकर आया। पत्नी सोनिका, भी पार्थिव शरीर के साथ आईं। उन्हें अधिकारी एक अलग गाड़ी से लेकर यहां आए। पत्नी सोनिका का रो-रो कर बुरा हाल था। कभी अभिनव की मां उन्हें संभालती तो कभी अभिनव की बहन मुद्रिका से लिपट कर रोती। 25 दिसंबर 2019 को ही अभिनव की शादी सोनिका से हुई थी।
परिवार के इकलौते बेटे की शहादत के बाद अभिनव की मां सत्य चौधरी पूरी तरीके से टूट गईं। बेटे के पार्थिव शरीर को देखकर वह बेसुध हो गईं। यहां मौजूद महिलाओं और अन्य लोगों ने किसी तरह संभाला। मां ने कहा कि बेटे अभिनव मुझे नहीं पता था कि तुझे पढ़ा लिखा कर यह दिन भी देखना पड़ेगा। बस एक बार आज बोल दे की मम्मी मैं ठीक हूं। आज सब कुछ छोड़कर जा रहा है। एक बार तो हां कर दे की मम्मी मैं ठीक हूं। शहीद की मां के यह शब्द सुनकर सबकी आंखें नम हो गई।
बेटे अभिनव चौधरी का पार्थिव शरीर देखकर पिता सत्येंद्र चौधरी का भी रो रो कर बुरा हाल था। एक तरफ आंखों में आंसू छलक रहे थे, तो दूसरी तरफ बस यही कहते नजर आए कि मेरा तो सब कुछ चला गया। मुझे नहीं पता था कि मुझे बेटे को भी कंधा देना पड़ेगा। अब शाम को किसकी कॉल आएगी की पापा मैं ठीक हूं।