लोगों का बदलता लाइफस्टाइल उन्हें बीमारियों के घेरे में ले रहा है। गलत खान-पान और सेहत को लेकर की गई अनदेखी, कमजोरी की सबसे बड़ी वजह है। महिलाओं की बात करें तो उन्हें पुरुषों से ज्यादा केयर की जरूरत होती है क्योंकि वह उनके मुकाबले शारीरिक रूप से कमजोर मानी जाती हैं इसलिए उन्हें बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है। वहीं मेनोपॉज के बाद आने वाली कमजोरी की वजह से कुछ बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इनसे बचाव करने के लिए समय-समय पर टेस्ट करवाना और हैल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है।
कौन-सी बीमारियों का खतरा अधिक
40 की उम्र और मेनोपॉज के बाद शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव आते हैं। जिस का विटामिन और मिनरल्स की कमी पूरी होने लगती है। अगर डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान न दिया जाए तो सेहत बिगड़ने लगती है।
अर्थराइटिस
जोड़ों में दर्द की परेशानी महिलाओं को जल्दी हो जाती है। धीरे-धीरे यह दर्द आर्थराइटिस का रूप ले लेता है। शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल न किया जाए तब भी समस्या बढ़नी शुरू हो जाती है। जोड़ों में सूजन, दर्द आदि भी इससे होने लगते हैं।
बचाव
हाई प्रोटीन युक्त आहार का सेवन कम कर दें, हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं और भरपूर पानी पीएं। शरीर में इसके संकेत दिखने पर जल्द इलाज करवाना शुरू करें।
दिल के रोग
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का बढ़ना और तनाव इसकी सबसे बड़ी वजहें हैं। जिस कारण महिलाएं दिल और दिल की धमनियों से संबंधित रोग की जल्दी शिकार हो जाती हैं।
बचाव
रोजाना एक्सरसाइज और योग करें। खाने में बैलेंस डाइट होना बहुत जरूरी है। साल में 2 बार डॉक्टरी जांच जरूर करवाएं।
डायबिटीज
महिलाएं डायबिटीज रोग की बहुत जल्दी शिकार हो जाती हैं। इसससे शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और पेंनक्रियाज ग्रंथी अपना काम करना बंद कर देती है। जिससे इस ग्रंथी से इंसुलिन के अलावा और भी कई तरह के हार्मोंस निकलने लगते हैं।
बचाव
डायबिटीज से बचाव रखे के लिए हैल्दी लाइफस्टाइल की तरफ ध्यान दें। नेचुरल शुगर खाएं और ज्यादा मीठे से परहेज करें।
तनाव
आजकल 10 में से 3 लोग तनाव का शिकार हैं लेकिन इनमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की गिनती ज्यादा है। घर और ऑफिर के साथ-साथ औरतों को और भी कई जिम्मेदारियां एक साथ संभालनी पड़ती हैं। जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है।
बचाव
खुद का ख्याल रखने से कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। खुद पर तनाव हावी न होने दें। मनपसंद की जगह पर घूमने जाएं, अपनी हॉबी (म्यूजिक, पेटिंग, कुकिंग, डासिंग, गार्डनिंग) पूरी करने के लिए समय निकालें और भरपूर नींद लें।
सर्वाइकल कैंसर
महिलाएं इस बीमारी की गिरफ्त में बहुत जल्दी आ जाती हैं। इसमें गर्भाशय के अंदर खतरनाक कोशिकाओं की वृद्धि होने लगती है। जो कैंसर का रुप धारण कर लेता है। यह परेशानी ज्यादातर मेनोपॉज के बाद आती है।
बचाव
समय-समय पर जांच करवाएं, मेनोपॉज के बाद भी योग जारी रखें। हैल्दी और बैलेंस डाइट का सेवन करें।
ऑस्टियोपोरोसिस
यह हड्डियों का रोग है, जिसमें बोन इतनी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं कि जरा-सी चोट लगने पर फैक्चर आ जाता है। इसमें दर्द भी असहनीय होता है। यह बीमारी उम्र से पहले मेनोपॉज होने पर भी हो सकती है। इसके अलावा शरीर में कैल्शियम और विटमिन डी की कमी भी इसका कारण है।
बचाव
विटामिन डी कैल्शियम का अवशोषण करने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टरी सलाग से सप्लीमेंट्स या मल्टी विटामिन्स का सेवन करें।
वल्वर कैंसर
यह कैंसर औरतों के प्राइवेट पार्ट के बाहरी हिस्से में होता है। इसमें यूरीन करते समय जलन, रक्त स्त्राव, खुजली होती है।
बचाव
इस तरह के लक्षण दिखें तो बिना देरी के डॉक्टरी जांच और इलाज शुरू करें।
मेनोपॉज के बाद महिलाओं को 7 बीमारियों का अधिक खतरा, यूं रखें बचाव
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