सिडनी: क्या वापसी की है मुरली विजय ने. वास्तव में बाकी बल्लेबाजों के सामने उदाहरण पेश किया है तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने.उदाहरण कि टीम से ड्रॉप होने पर बिल्कुल भी निराश होने की जरूरत नहीं है. और अब जब टीम इंडिया एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले पहले टेस्ट से पहले सलामी जोड़ी की समस्या से बुरी तरह जूझ रही थी, तो ऐसे आडे़ समय में मुरली विजय ने खत्म हुए चारिदनी प्रैक्टिस मैच में नाबाद 129 रन बनाकर एक तरह से धमाकेदार वापसी ही नहीं की, बल्कि सेलेक्टरों को डबल मैसेज भी भेज दिया. और यह डबल मैसेज एक अलग ही रूप में मुरली विजय को फायदा भी दिला सकता है. ध्यान दिला दें कि ज्यादा दिन पहले की बात नहीं है जब इंग्लैंड दौरे में मुरली विजय की बैटिंग का पंग्चर हो गया था. मुरली विजय इंग्लैंड में मेजबान सीमरों के आगे बुरी तरह पस्त हो गए थे. तब वह दौरे में खेले सिर्फ दो ही टेस्ट मैचों में 6.50 के औसत से 26 रन ही बना सके थे.
और इसके बाद उन्हें शेष मैचों में खिलाया ही नहीं गया था. लुट-पिटकर टीम इंडिया वापस भारत लौट गई, लेकिन मुरली विजय ने एसेक्स काउंटी के साथ करार कर लिया. और यहां मुरली ने कई बेहतरीन पारियां खेलीं. इस परफॉरमेंस का असर मुरली विजय के सिडनी में चारदिनी अभ्यास में दिए गए डबल मैसेज में साफ दिखाई पड़ा. और यह प्रैक्टिस मैच में बारत की पारी के 39वें ओवर में अपने चरम पर दिखाई पड़ा. 38वें ओवर तक मुरली विजय 74 रन पर थे. 39वां ओवर लेकर आए जैक कार्डर. और मुरली विजय ने जबर्दस्त धुनाई करते हुए उनके ओवर में 26 रन बटोरकर अपना शतक पूरा कर डाला. तीन चौके जड़े, दो छक्के और दो रन लिए. मुरली विजय 129 रन बनाकर नाबाद रहे. मुरली की पारी की खास बात यह रही कि उन्होंने अपने शुरुआती 74 रन के लिए 112 गेंद लीं, तो अगले 55 रन सिर्फ 20 गेंदों पर बना डाले. इस अंदाज से मुरली विजय ने सेलेक्टरों को मैसेज दे दिया कि वह टेस्ट में तो पारी शुरू करने के लिए तैयार हैं हीं. वहीं अगर वनडे में जरूरत पड़ती है, तो वह वहां भी कुछ ऐसे ही अंदाज में बल्लेबाजी कर सकते हैं. टेस्ट के हिसाब से भी..वनडे के हिसाब से भी.