लखनऊ : सावन के तीसरे सोमवार को प्रशासन की सारी व्यवस्था उस वक्त धरी की धरी रह गई जब रविवार और सोमवार की देर रात एक बजे के बाद से कांवरियों का सैलाब उमड़ने लगा। पौने दो बजे आमगोला ओवरब्रिज पर बना अस्थायी डिवाइडर पूरी तरह टूट गया। भगदड़ मचने से दो दर्जन से अधिक कांवरिया घायल व बेहोश हो गए। कुछ कांवरिया पुल से भी कूदने लगे। घायलों को अस्पताल ले जाया गया। भीड़ के बीच में फंसे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पीछे हट गए। इसके बाद बांस-बल्ले से भीड़ को काबू पाने की कोशिश की गई।
देर रात एक बजे के बाद से ही कांवरिया पथ में भीड़ बढ़ने से पुल पर दबाव बढ़ने लगा। कांवरियों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरियर बनाये गए थे, लेकिन भीड़ संभल न सकी। ओरियंट क्लब में बनाये गए जिग जैग पर भी दबाव बढ़ने के साथ कांवरिया कूद-कूदकर निकलने लगे। देखते-देखते रात पौने दो बजे आमगोला ओवरब्रिज कांवरियों से पट गया। भीड़ को आगे बढ़ता देख पुलिस जवान पीछे हट गए। हरिसभा चौक पर किसी तहर सेवा दल के सहयोग से कांवरियों को रोकना चाहा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
काबू पाने के लिए पानी की बौछार
कांवरियों की भीड़ को देख अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की जाने लगी। तैनात एसरैफ भी आगे आये लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाए। बाद में किसी तरह भीड़ को काबू करने के लिए सेवादल ने बांस की सहायता भीड़ को रोके रखा। पानी की बौछार भी की गई।
सेवा दल से उलझना महंगा पड़ा
दूसरी सोमवारी की तरह तीसरी सोमवारी को भी हरिसभा चौक पर एक बार फिर पुलिस सेवादल के सदस्यों से उलझ पड़ी। रात साढ़े 12 बजे सेवादल के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पुलिस अपनी मर्जी से काम करते हुए उन्हें वहां से हटने को कहा। दुर्व्यवहार भी किया। इसके बाद सेवा दल वहां से हट गए। इसके बाद भीड़ बढ़ने लगी। हालांकि, पंडित विनय पाठक के आग्रह पर कुछ स्वयंसेवक वापस हुए।
आरओबी पर अस्थायी डिवाइडर टूटते ही पुल पर कांवरियों की भीड़ बेकाबू हो गई। पुरुष बम की भीड़ में महिलाएं फंस गईं। हालांकि, महिलाओं की संख्या कम होने से पुलिस व सेवादल के सदस्यों ने तत्परता से उन्हें निकाला। इस दौरान कुछ महिला बम ने पुलिस से भीड़ में दुर्व्यवहार किए जाने की भी शिकायत की।