मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया. मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर परिवाद पत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने भारत के साथ परमाणु युद्घ छेड़ने और कश्मीर में खून खराबा करने की बात कर यहां के लोगों की भावना को भड़काने का काम किया है. ओझा ने बताया कि परिवाद पत्र भादवि की धारा 124 (ए), 125 और 505 के तहत दायर की गई है. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर तय की गई है. बता दें, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि 9/11 हमलों के बाद इस्लामोफोबिया (इस्लाम का भय) चिंताजनक ढंग से बढ़ा है और यह विभाजन पैदा कर रहा है . जहां हिजाब पहनने को कुछ देशों ने समुदाय के खिलाफ “हथियार” बना लिया है. खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में जलवायु परिवर्तन, धन शोधन एवं इस्लामोफोबिया सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. खान ने कहा कि पश्चिमी देशों में अरबों मुस्लिम अल्पसंख्यकों की तरह रह रहे हैं तथा 9/11 के हमले के बाद से इस्लामोफोबिया चिंताजनक गति से बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘इस्लामोफोबिया विभाजन पैदा कर रहा है, हिजाब एक हथियार बन गया है, एक महिला अपने वस्त्र निकाल सकती है किंतु वह अधिक वस्त्र नहीं पहन सकती. यह 9/11 के बाद हुआ है तथा यह इसलिए शुरू हुआ क्योंकि कुछ पश्चिमी देशों ने इस्लाम की तुलना आतंकवाद से की है.’ खान ने ‘कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद” शब्द के प्रयोग पर सवाल उठाया और कहा कि इस्लाम केवल एक है. उन्होंने कहा, ‘‘कट्टरपंथी इस्लाम जैसी कोई चीज नहीं है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि हर धर्म में कट्टरपंथी कृत्य करने वाले लोग होते हैं. खान ने कहा, ‘प्रत्येक धर्म का आधार करूणा एवं न्याय है तथा वही हमें जानवरों की दुनिया से अलग करते हैं.’
मुजफ्फरपुर की अदालत में पाक PM इमरान के खिलाफ केस दर्ज, जानिए क्या है वजह
Loading...