लखनऊ। हजरतगंज स्थित विधानसभा भवन और सचिवालय अब नई जगह शिफ्ट किया जाएगा। ट्रैफिक जाम की समस्या और आये दिन धरना-प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा को देखते हुए पहले ही विधानभवन और सचिवालय को हजरतगंज से हटाने का फैसला पहले ही किया जा चुका था। शासन की योजना के मुताबिक, विधानसभा और सचिवालय को शहरी आबादी से बाहर ले जाना तय है। इसके लिए जमीन तलाश ली गई है। जल्द ही यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा। राज्य के नये विधानभवन और सचिवालय निर्माण के लिए राजधानी के चक गंजरिया स्थित सीजी सिटी में 150 एकड़ जमीन तलाशी गई है। यह जमीन एलडीए ने लखनऊ मेट्रो के लिए रखी थी। इसके एवज में मेट्रो को दूसरी जमीन दी जाएगी।
एलडीए अफसरों के मुताबिक, चक गंजरिया में विधानभवन और सचिवालय के लिए प्राइम लोकेशन की जमीन चाहिए थी, जो किसी चुनौती से कम नहीं था। सीजी सिटी में केवल 150 एकड़ की वही जमीन खाली थी, जो लखनऊ मेट्रो को आवंटित की गई थी। अब मेट्रो के लिए दूसरी जमीन दी जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव ने विधानभवन और सचिवालय की नई इमारतों के लिए एलडीए से सीजी सिटी में जमीन तलाशने को कहा था। तमाम कोशिश के बावजूद इन इमारतों के लिए सीजी सिटी में एक ही जगह इतनी बड़ी जमीन नहीं मिल रही थी। ऐसे में एलडीए की तरफ से मेट्रो के लिए रखी गई जमीन पर ही इन्हें बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए एलडीए ने नवंबर में ही सर्वे शुरू कर दिया था।