नई दिल्ली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें तमाम संवर्ग के कर्मचारियों को पूर्व से मिल रहे कई भत्तों को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। हालांकि, दिव्यांग कर्मियों का वाहन भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव है। कैबिनेट बैठक में कई नियमावलियों में संशोधन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई जा सकती है। राज्य वेतन समिति-2016 ने कर्मियों को पूर्व से दिए जा रहे कई भत्तों को अप्रासांगिक बताते हुए उसे खत्म करने की सिफारिश की थी। वर्तमान में अलग-अलग संवर्ग के कर्मियों को परियोजना भत्ता, कैश हैंडलिंग भत्ता, स्नातकोत्तर भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता और नए कर्मियों को द्विभाषी प्रोत्साहन व कंप्यूटर संचालन भत्ता मिल रहा है। राज्य वेतन समिति ने इन भत्तों को गैरजरूरी बताते हुए खत्म करने की संस्तुति की थी। वित्त विभाग इस पर निर्णय का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष ला रहा है।
लिहाजा कई भत्तों पर कैंची चलनी तय मानी जा रही है। इसी तरह वेतन समिति ने दिव्यांग कर्मियों का वाहन प्रतिपूर्ति भत्ता बढ़ाने की सिफारिश की थी। इसमें दिव्यांगजन कर्मचारियों को कार्यस्थल आने तथा वापस जाने के लिए मिल रहे भत्ते में तीन गुना वृद्धि की संस्तुति की गई है। इनमें लेवल-1 के कर्मियों का 450 की जगह 900, लेवल-2 से 5 तक का 600 से बढ़ाकर 1200 व लेवल-6 व इससे अधिक को 750 की जगह 1500 रुपये देने का प्रस्ताव है। इसी तरह शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के राजकीय विद्यालय, मूक तथा बधिर राजकीय विद्यालय तथा राजकीय दृष्टिबाधित विद्यालयों के शारीरिक रूप से अक्षम श्रेणी में आने वाले शिक्षकों का वाहन प्रतिपूर्ति भत्ता भी बढ़ाने की संस्तुति की गई है। प्रधानाध्यापक का भत्ता 750 से बढ़ाकर 1500 व शिक्षकों का भत्ता 600 से बढ़ाकर 1200 करने की संस्तुति की गई है। इसमें कितनी वृद्धि होनी है, इस पर फैसला कैबिनेट करेगी।