राहुल यादव, लखनऊ। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की रोजगार देने की कोई मंशा नहीं है। मुख्यमंत्री जी का 4 लाख नौकरियों का दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। भाजपा सरकार में युवाओं की दुर्दशा हो रही है। भाजपा राज में युवक-युवतियों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। हताश युवा अब अपनी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए किसी भी हद तक जोखिम उठाने के लिए मजबूर है। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक भर्ती प्रक्रिया में 22 हजार रिक्तियों को जोड़े जाने की मांग लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 50 दिनों से अभ्यर्थी आंदोलनरत है। लेकिन सरकार उनसे कोई संवाद ही नहीं कर रही बल्कि एन.सी.ई.आर.टी. कार्यालय में रोजगार के लिए संघर्षरत लड़कियों का दमन किया जा रहा है। जनमत द्वारा निर्वाचित सरकार का यह चरित्र शर्मनाक है।
अखिलेश यादव ने दोहराया कि भाजपा को अपना संकल्प पत्र फिर से पढ़ना चाहिए। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने युवाओं से 70 लाख रोजगार का वादा किया था। इसके साथ ही छात्रों को मुफ्त लैपटाॅप और मुफ्त इंटरनेट का झांसा दिया गया। उत्तर प्रदेश में साढ़े चार साल से सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार को अपने झूठे वादों के लिए युवाओं से माफी मांगनी चाहिए। नयी पीढ़ी का भविष्य खराब करने की जिम्मेदार मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार ही है। जिसने न तो विश्वविद्यालयों में अकादमिक वातावरण को सुधारा और न ही बेरोजगारी की समस्या दूर करने की दिशा में कोई ठोस प्रयास किया।
भाजपा की जुमलेबाजी को देश का युवा वर्ग बखूबी समझ चुका है। नौकरियों के लम्बित परिणाम, परीक्षा के पहले पेपर आउट होना, वैकेंसियों में व्याप्त भ्रष्टाचार से नयी पीढ़ी निराश हो रही है। शिक्षा और रोजगार हमेशा समाजवादियों की प्राथमिकता में रहा है। समाजवादी सरकार में ही नौजवानों की बेरोजगारी दूर हो सकती है। 2022 में युवा ही बदलाव के वाहक होंगे।
मुख्यमंत्री का नौकरियों का दावा झूठा, भाजपा की रोजगार देने की कोई मंशा नहीं: अखिलेश यादव
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