
राहुल यादव, लखनऊ । विगत 04 वर्षों में उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम द्वारा अर्जित उपलब्धियों का विवरण देते हुए सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि वर्ष 2016-17 में निगम की भण्डारण क्षमता 36.76 लाख मै० टन एवं उपयोगिता 78.78 प्रतिशत थी । वर्ष 2019-20 में भण्डारण क्षमता बढ़कर 40.62 एवं उपयोगिता 85.89 प्रतिशत हो गयी । वर्ष 2016-17 में निगम की कुल आय रू 0 493.85 करोड एवं शुद्ध लाभ रू 0 45.65 करोड़ था । वर्ष 2019-20 में कुल आय रू0 329.48 करोड़ एवं शुद्ध लाभ बढ़कर रू0 101.76 करोड़ हो गया है । निगम द्वारा अपने दोनों अंशधारियों यथा केन्द्रीय भण्डारण निगम एवं राज्य सरकार को बराबर लाभांश का भुगतान किया जा रहा है । वर्ष 2016-17 में दोनों को रू0 1.18 करोड़ का अलग-अलग लाभांश दिया गया । भण्डारण क्षमता विस्तार के अंतर्गत कुल 10.18 लाख मै० टन क्षमता का सृजन कराया जा रहा है जिसके अन्र्तगत 01.50 लाख मैण्टन साइलो निर्माण एवं 06.85 लाख मैन्टन पी0ई0जी0 योजना के अर्न्तगत गोदाम निर्माण , मण्डी परिषद से 36 मण्डी समितियों पर प्राप्त भूमि एवं निगम के दो भण्डारगृहों पर 5,000-5,000 मै0 टन क्षमता के कुल 01.90 लाख मै0 टन क्षमता के गोदाम निर्माण कराये जा रहे हैं ( मण्डी समितियों में निर्मित क्षमता 0.65 लाख मै0 टन पी0ई0जी0 योजना के अर्न्तगत ) । उक्त के अतिरिक्त निगम के भण्डारगृहों के कैम्पस में पड़ी रिक्त भूमि पर 0.58 लाख मै0 टन क्षमता के गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है । निगम द्वारा केन्द्रीय पूल के अर्न्तगत वर्ष 2016-17 में 05.26 लाख मै0 टन गेहूँ एवं 14.04 लाख मै0 टन चावल कुल 19.30 लाख मै0 टन , खाद्यान्न का भण्डारण कराया गया था । वर्ष 2019-20 में 26.15 लाख मै0 टन गेहूँ एवं 25.82 लाख मै0 टन चावल कुल 51.97 लाख मै0 टन खाद्यान्न भण्डारित किया गया । . कोविड -19 के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन व अनलॉक में भी निगम द्वारा दिनांक 25.03.2020 से दिनांक 10.02.2021 तक अपने गोदामों में 41.60 लाख मै0 टन गेहूँ व 41.71 लाख मै0 टन चावल कुल 83.31 लाख मै0 टन खाद्यान्न का भण्डारण कराया गया तथा प्रधानमंत्री गरीब योजना के अर्न्तगत 40.60 लाख मै0 टन गेहूँ एवं 39.55 लाख मै0 टन चावल कुल 80.15 लाख मै0 टन खाद्यान्न की रिकार्ड तोड़ निकासी दी गयी । सरकार की मंशा के अनुरूप कृषकों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से निगम के 19 भण्डारगृहों को भण्डारागार विकास विनियामक प्राधिकरण ( डब्ल्यूडी0आर0ए0 ) के अर्न्तगत पंजीकरण कराया गया है । उक्त गोदामों में भण्डारण करने पर कृषकों को 90 प्रतिशत तक ऋण की सुविधा उपलब्ध है । निगम द्वारा कृषक प्रसार सेवा योजना के अन्र्तगत खाद्यान्न की सुरक्षा हेतु वर्ष 2019-20 में 43861 कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है तथा कीटपरिनाशक सेवा योजना के अर्न्तगत कृषकों एवं व्यापारियों आदि के भण्डारित स्टाक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है । निगम के कार्यों को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने हेतु समस्त प्रक्रियाएं / खरीद ई – टेण्डरिंग अथवा जेम के माध्यम से सम्पन्न करायी जा रही है । आई0जी0आर0एस0 पोर्टल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों / प्रकरणों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के अर्न्तगत किया जा रहा है । उ0प्र0 शासन के आदेश के अनुपालन में वर्ष 2001 तक के 521 आकस्मिक / संविदा कर्मचारियों का विनियमिमिकरण किया जा चुका है एवं शेष आकस्मिक / संविदा कार्मिकों के विनियमितिकरण की कार्यवाही प्रक्रिया मे है । निगम द्वारा कर्मचारी कल्याण निधि से नियमित कार्मिकों के बच्चों ( एक कार्मिक के अधिकतम दो बच्चों ) को उच्च शिक्षा में दी जाने वाली ट्यूशन फीस का 50 प्रतिशत निगम द्वारा प्रदान किया जाता है । निगम में कार्यरत नियमित कार्मिकों के प्रथम पुत्री के जन्म पर रू0-5,100.00 ( रूपये पाँच हजार एक सौ ) मात्र एवं पुत्री की शादी / विवाह हेतु रूपये -21,000.00 ( रूपये इक्कीस हजार ) का अनुदान दिये जाने की स्वीकृति संचालक मण्डल द्वारा दिनांक 09-12-2020 को प्रदान की गयी है ।