मुंबई: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (NCP) के बीच सीट बंटवारे पर वार्ता पूरी होने की बात कही जा रही है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और शरद पवार नीत राकांपा तथा अन्य दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर वार्ता तकरीबन पूरी हो गई है और जल्द ही नतीजा आ जाएगा. उन्होंने बताया कि कांग्रेस के चुनाव अभियान के तहत पार्टी के नेता फरवरी में कम से कम 50 बैठकें करेंगे और राज्य के उन जिलों में भी जाएंगे, जिन्हें पार्टी की जन संघर्ष यात्रा के तहत कवर नहीं किया जा सकेगा. कांग्रेस, राकांपा और राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकारी संगठन गठबंधन के लिए सहमत हो गए हैं जबकि प्रकाश आंबेडकर की भारिप बहुजन महासंघ और समाजवादी पार्टी अब तक इसमें इसमें शामिल नहीं हुई है. राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं.
कांग्रेस और राकांपा के बीच अब तक अहमदनगर, नंदूरबार, रावेर, जालना, औरंगाबाद और रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग पर कोई समझौता नहीं हुआ है. इन सीटों में रावेर और अहमदनगर पर राकांपा परंपरागत रूप से चुनाव लड़ती रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच वार्ता के बाद राकांपा ने पुणे और यवतमाल-वाशिम सीटों पर अपना दावा छोड़ दिया है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के 26 जबकि राकांपा के 22 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस संसदीय बोर्ड की मुंबई में मंगलवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी से उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि संसदीय बोर्ड द्वारा मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिम महाराष्ट्र से उम्मीदवारों की सूची को मंगलवार को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि विदर्भ और मुंबई के लिए 30 जनवरी को यह प्रक्रिया की जाएगी. दूसरी ओर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना एक बार फिर साथ आते दिख रहे हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार की तर्ज पर बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना के आगे झुकने को तैयार हो गई है. दोनो में 24-24 सीटों पर बात बनती दिख रही है.
ये अलग बात है कि शिवसेना अभी ऐसे किसी प्रस्ताव से ही इनकार कर रही है. मातोश्री में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मार्गदर्शन ले बाहर निकले सांसदों में से एक सजंय राऊत ने अभी तक किसी प्रस्ताव से इनकार किया लेकिन हमेशा की तरह अकेले लड़ने की बात नहीं दोहराई. संजय राऊत ने कहा कि युति पर कोई चर्चा नही हुई. कोई प्रस्ताव भी नहीं आया है. उद्धव जी कह चुके हैं हम पूरी तरह से लड़ने के लिए तैयार हैं. महाराष्ट्र में हम बड़े भाई हैं और इस नाते हम देश की और राज्य की राजनीति करेंगे.’