शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में भारत सरकार एक्टिव हो गई है. ईडी के दो सीनियर अधिकारी करीब 5500 पेज की चार्जशीट लेकर लंदन पहुंचे हैं. ईडी की ये टीम चार्जशीट को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में देगी. इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भारत सरकार से माल्या के खिलाफ सबूत ना पेश करने के लिए कई सवाल खड़े किए थे.
ईडी की इस टीम में एक सीनियर लीगल काउंसल भी शामिल हैं, जो कि सभी मामले से जुड़ी कानूनी जानकारी ईडी को देता रहेगा. इससे पहले ईडी ने 5500 पेज की ये चार्जशीट 14 जून को PMLA के तहत तैयार की थी. यह मामला KFA-IDBI बैंक के 900 करोड़ रुपये के लोन का है, इसके तहत PMLA कोर्ट ने माल्या के खिलाफ 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है.
पिछली सुनवाई से पहले कोर्ट के बाहर माल्या ने पत्रकारों से कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है, मैं सारे आरोप खारिज करता हूं. मैं किसी कोर्ट से भागा नहीं हूं. मेरे पास कोर्ट में मामले को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. माल्या के वकील ने कहा कि भारत ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए हैं. हमें अधिक साक्ष्य और दस्तावेजों की आवश्यकता है. वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा कि भारत हमारे साथ बहुत निकटता से काम कर रहा है और हम सभी दस्तावेजों और सबूत उपलब्ध कराएंगे, जिन्हें मांगा जा रहा था.
गौरतलब है कि विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. बैंकों का कर्ज चुकाने के बजाय माल्या देश छोड़कर फरार हो गये. माल्या 2016 से ही लंदन में हैं. जिसके बाद भारत ने ब्रिटेन सरकार से माल्या को भारत भेजने की अपील की थी. भारत की मांग पर सुनवाई करते हुए लंदन प्रशासन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी.