लखनऊ / नई दिल्ली : मालदीव की अंदरूनी सियासत में जारी संकट भारत के साथ उसके द्विपक्षीय रिश्तों को प्रभावित कर रहा है. ताजा मामले में मालदीव ने भारत द्वारा आयोजित क्षेत्रीय नौसैनिक अभ्यास में शामिल होने से इनकार कर दिया है. मालदीव ने आठ दिवसीय नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन’ में शामिल होने का भारत का निमंत्रण ठुकरा दिया है और समझा जाता है कि उस द्वीपीय देश में आपातकाल के मद्देनजर यामीन सरकार की आलोचना करने पर उसने भारत को यह प्रतिक्रिया दी है. भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मालदीव को मिलन अभ्यास में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया है.’ उन्होंने संकेत दिया कि संभवत: वहां के मौजूदा हालात को देखते हुए मालदीव ने यह फैसला लिया हो सकता है. एडमिरल लांबा ने कहा, ‘उन्होंने कोई वजह नहीं बताई है.’ वह एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने पांच फरवरी को आपातकाल की घोषणा की थी जिसके बाद भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव देखने को मिला. भारत ने आपातकाल को एक महीने बढ़ाये जाने पर 21 फरवरी को कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
नौसेना के सूत्रों ने बताया कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में होने वाले इस बड़े सैन्य अभ्यास में कम से कम 16 देशों की नौसेनाएं भाग लेंगी. यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य मौजूदगी बढ़ रही है. अधिकारियों ने संकेत दिया कि अभ्यास के दौरान बातचीत में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.