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मायावती और अखिलेश यादव ने कॉन्फ्रेंस में किया ऐलान, मिलकर लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव,सियासी गलियारों में हलचल

नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की है कि दोनों दल लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ेंगे. मायावती ने बसपा-सपा गठबंधन को ‘नई राजनीतिक क्रांति का आगाज’ करार देते हुए कहा कि इस गठबंधन से ‘गुरू-चेला’ (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) की नींद उड़ जाएगी. उन्होंने कहा, ‘नए वर्ष में यह एक प्रकार की नई राजनीतिक क्रांति की शुरुआत है. इस गठबंधन से समाज की बहुत उम्मीदें जग गई हैं. यह सिर्फ दो पार्टियों का मेल नहीं है बल्कि सर्वसमाज (दलित, पिछड़ा, मुस्लिम, आदिवासी, गरीबों, किसानों और नौजवानों) का मेल है. यह सामाजिक परिवर्तन का बड़ा आंदोलन बन सकता है.’ यह पूछे जाने पर कि यह गठबंधन कितना लंबा चलेगा, इस पर मायावती ने कहा कि गठबंधन ‘स्थायी’ है. यह सिर्फ लोकसभा चुनाव तक नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भी चलेगा और उसके बाद भी चलेगा. मायावती ने बसपा और सपा के 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का नाम तक नहीं लिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि दो सीटें अन्य दलों के लिए छोड़ी गई हैं.

  • बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी. इन दोनों पार्टियों ने राज्य की दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ने का फैसला किया है.
  • वहीं अजित सिंह की पार्टी आरएलडी ने सपा-बसपा गठबंधन से 5 सीटों की मांग की है, आरएलडी ने जिन पांच सीटों की मांग की है, वह हैं- हाथरस, कैराना, बागपत, मुज़फ़्फरनगर और कैराना. हालांकि, अभी तक सीटों पर पूरी तरह से सहमति नहीं बनी है.
  • सूत्रों के मुताबिक खबर है कि आरएलडी को अखिलेश यादव सपा के कोटे से सीटें देने के लिए तैयार हैं लेकिन बीएसपी सुप्रीमो मायावती अपनी पार्टी की सीटों से से कोई समझौता नहीं करना चाहती हैं.
  • सपा-बसपा गठबंधन से दरकिनार किए जाने के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस महासचिव ग़ुलाम नबी आज़ाद ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा और बसपा से गठबंधन उन्होंने नहीं तोड़ा लेकिन अगर उन्हें गठबंधन में नहीं लिया गया तो वो ज़बरदस्ती तो उसमें शामिल नहीं हो सकते हैं.
  • इधर अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि वो कांग्रेस से गठबंधन को तैयार हैं. शिवपाल ने कहा कि अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करती है तो मैं बिल्कुल तैयार हूं. हालांकि अभी कोई बातचीत नहीं हुई है.
  • इधर अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि वो कांग्रेस से गठबंधन को तैयार हैं. शिवपाल ने कहा कि अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करती है तो मैं बिल्कुल तैयार हूं हालांकि अभी कोई बातचीत नहीं हुई है.
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा के गठबंधन का राज्य की राजनीति पर कोई असर नहीं होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि अच्छा है कि दोनों दल एक हो गये हैं. अब बीजेपी को इन्हें कायदे से ‘निपटाने’ में मदद मिलेगी.
  • भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शनिवार को राजनीतिक प्रस्ताव पास किया गया जिसमें विपक्ष के गठबंधन को अवसरवादी करार दिया गया.
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