ब्रेकिंग:

माफी से नहीं एमएसपी से होगा किसानों का भला : राकेश टिकैत

अशाेक यादव, लखनऊ। तीनों कृषि कानून की वापसी के करने के प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन जारी है। सोमवार को लखनऊ में महापंचायत में यह ऐलान हुआ। मोर्चे के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि माफी नहीं, एमएसपी से किसानों का भला होगा। इसलिए जब तक किसानों की सारें मांगें स्वीकार नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।

ईको गार्डन में आयोजित महापंचायत में जुटे हजारों किसानों को राकेश टिकैत ने 14 मिनट संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भावनात्मक बातों पर विश्वास नही हैं। किसान अपनी भाषा में दिल्ली में बैठी सरकार को एक साल तक अपनी बात समझाता रहा। अब प्रधानमंत्री को ये समझ आया कि यह कानून किसान, मजदूर व दुकानदार विरोधी हैं।

टिकैत ने कहा कि इस कानून पर कमेटी बनाने का भी झूठ सरकार बोल रही है। जबकि 2011 में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से किसानों को एमएसपी देने की संस्तुति की थी। यह रिपोर्ट पीएमओ में रखी है, उसे ही लागू कर दें, नई कमेटी की कोई जरूरत नहीं है। राकेश टिकैत ने कहा कि अब किसान वाराणसी महापंचायत करेंगे और प्रधानमंत्री के वोट का गढ़ तोड़ेंगे। जनता को सच्चाई बताकर जागरूक करेंगे।

टिकैत ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसानों से वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे, उस पर अमल नहीं किया। पहले तीन कुंतल गेहूं बेचने पर तीन तोला सोना मिलता था, अब भी किसान उसी अनुसार मूल्य मांग रहा है। टिकैत ने कहा कि पता चला है कि अजय मिश्र शुगर मिल का उद्घाटन कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो किसानों का गन्ना मिल पर नहीं डीएम के दफ्तर में पहुंचेगा।

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार को अहंकार की बीमारी है, जनता एक साल से दवाई कर रही थी, लेकिन असर नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल चुनाव ने छोटा इंजेक्शन दिया और यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा इंजेक्शन लगाने से पहले ही बड़ा असर हो गया है। ये जीत किसानों की है, सात साल में पहली बार उनकी मांगे मानी गई।

राकेश टिकैत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की घोषणा के बाद सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती है। सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसने कानूनों को निरस्त कर दिया है और वह हमसे बात करना नहीं चाहती है, हम अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे।

संयुक्त मोर्चा की प्रमुख मांगें

  • लागत के आधार पर कृषि उपज के न्यूनतम मूल्य पाने का किसान को कानूनी अधिकार मिले।
  • केंद्रीय विद्युत संशोधन बिल को वापस लिया जाए।
  • केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर जेल भेजा जाए।
  • किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।
  • आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देकर उनका स्मारक बने।
  • शहीद किसानों के परिवार के आश्रितों को सरकारी मदद मिले।
Loading...

Check Also

बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग में 23 आश्रितों को कनिष्ठ सहायक व 01 को चतुर्थ श्रेणी पद पर मिली तैनाती

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग में शनिवार को …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com