लखनऊ: मानसून के आगमन और नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से कोशी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. कोशी ने जो रौद्र रूप धारण किया है उससे बेलदौड़ प्रखंड के इत्मादी पंचायत के कुंजहारा गांव का अस्तित्व मिटने के कगार पर पहुंच गया है. कोशी नदी से हो रहे भीषण कटाव से जहां लोग अपना कच्चा घर हटा रहे हैं वहीं, इस गांव का एक मात्र प्राथमिक विद्यालय कुंजहारा का कटाव के कारण अस्तित्व संकट में आ गया है.
जिला प्रशासन और फ्लड कंट्रोल विभाग ने स्कूल के बचाव के लिए कोई भी एहतियाती कदम नहीं उठाया है, जिससे स्कूल का अधिकांश बिल्डिंग नदी की पेट में समा चुका है. गांव के बचाव के लिए जो कार्य शुरू किए गए हैं, वह भी नाकाफी है.
दूसरी तरफ पूर्णिया के बायसी प्रखडं में महानंदा परमान और कनकई नदी भी उफान पर है. नदियां अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. ताराबाड़ी पंचायत के चंकी गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण इस गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बनी सड़क पानी के दबाब के कारण आधी ध्वस्त हो गई है.इलाके में कटाव भी जारी है, इस वजह से लोगों में दहशत का माहौल है. इलाके के कई रास्ते अब बंद हो गए है वहीं नाव की व्यवस्था भी नही रहने के कारण लोग अपने गांव में ही फंस गए है.
वहीं, शिवहर जिला हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है. हालात यह है कि लगातार बाढ़ की मार झेलने वाले यहां के किसान की हालत लगातार बद से बदत्तर होती जा रही है. कटिहार में महानंदा नदी के उफान को लेकर हाई अलर्ट मानकर विभाग फूल प्रूफ तैयारी का दावा कर रही है. जलस्तर खतरे के निशान पार करते ही कटिहार जिले नदी का पानी घुसना शुरू हो जाएगा. नेपाल सहित दार्जिलिंग के हिस्सों में जिस तरह लगातार जलप्रपात हो रही है. ऐसी स्थिति में कटिहार जिले से होकर बह रही महानंदा नदी में अगले 72 घंटों में जल स्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगी.