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महेन्द्र सिंह धोनी के समर्थन को याद करते हुए हुए भावुक विराट, माही के बारे में कोहली ने कहा

विराट कोहली को अब भी वह समय याद है जब कप्तान के तौर पर महेन्द्र सिंह धोनी ने उनका समर्थन किया था और अब बदली हुई परिस्थितियों में ‘दुर्भाग्यपूर्ण आलोचना’ झेल रहे पूर्व कप्तान के साथ मौजूदा कप्तान कोहली मजबूती से खड़े हैं। भारतीय कप्तान ने टेलीविजन चैनल को दिये साक्षात्कार में विश्व कप के लिए चुनी गयी 15 सदस्यीय टीम के संयोजन पर खुशी जतायी।
कई लोग धोनी की आलोचना कर रहे हैं
कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पहले कप्तान का बचाव करते हुए कहा कि यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई लोग उनकी (धोनी) आलोचना कर रहे हैं। मेरे लिए ईमानदारी सबसे ज्यादा मायने रखती है। कोहली ने कहा कि जब मैं टीम में आया था उनके पास कुछ मैचों के बाद दूसरे खिलाड़ियों को आजमाने का विकल्प था। हालांकि मैंने अपने मौके को भुनाया लेकिन मेरे लिए इस तरह का समर्थन मिलना काफी जरूरी था। उन्होंने मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का भी मौका दिया जबकि ज्यादातर युवाओें को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता है।धोनी-कोहली का रिश्ता
जब एक तेज दिमाग एक शानदार प्रदर्शन करने वाले से मिलता है तो दोनों एक दूसरे का काफी सम्मान करते है और धोनी-कोहली का रिश्ता भी इससे अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी में बदलाव के बारे में है। हम उन्हें कहते हैं कि आपको मैदान की स्थिति और पिच की गति के बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से पता है। हम एक दूसरे पर भरोसा और सम्मान करते हैं।
धोनी के बारे में कोहली ने कहा
कोहली ने एक बार फिर कहा कि मैच की स्थिति को धोनी से बेहतर कोई नहीं पढ़ सकता। उन्होंने कहा कि वह ऐसे खिलाड़ी है जो खेल को अच्छे से समझते हैं। वह पहली गेंद से 300वीं गेंद (50 ओवर) तक मैदान पर मैच को समझते हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि उनका होना फायदे की बात है लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि उनके ऐसा दिमाग विकेट के पीछे खड़ा रहता है। विकेट के पीछे धोनी की मौजूदगी से कोहली सीमारेखा के पास क्षेत्ररक्षण कर सकते हैं क्योंकि वह बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के साथ शानदार थ्रो भी करते हैं। कोहली ने कहा कि मैच की रणनीति के लिए मैं धोनी और रोहित शर्मा के साथ टीम प्रबंध से चर्चा करता हूं। उन्होंने कहा कि डेथ ओवरों में मुझे पता है कि मुझे टीम के लिए सीमारेखा के पास रहना होगा क्योंकि यही मेरा स्वभाव है कि मैं टीम के लिए कुछ करना चाहता हूं, बजाय इसके की वहां सिर्फ मौजूद रहूं। 30-35 ओवर के बाद उन्हें पता होता है कि मैं सीमा रेखा के पास रहूंगा तो वह खुद ही कमान संभाल लेते हैं।
विश्व कप टीम को लेकर कहा
हालांकि उन्होंने विश्व कप टीम को लेकर अपने फैसले के बारे में खुलकर नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इस ओर इशारा किया कि टीम को उनकी स्वीकृति मिली है। उन्होने अंबाती रायुडू और ऋषभ पंत को टीम में जगह नहीं मिलने पर हो रही बहस से बचते हुए कहा कि हम उन 15 खिलाड़ियों के साथ बहुत खुश हैं जो हमारे पास है। यह सबसे संतुलित टीम है जिसके बारे में हम सोच सकते थे क्योंकि हर कोई बेहतर स्थिति में है।

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