मुंबई : देश की सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के मुंबई स्थित मुख्य कार्यालय की इमारत एयर इंडिया बिल्डिंग बिकने को तैयार है। 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के घाटे में चल रही एयर इंडिया की इस इमारत का खरीददार कोई और नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार है। सूत्रों की मानें तो 1400 करोड़ रुपए में राज्य सरकार ने नरीमन प्वाइंट समुद्र किनारे स्थित 27 मंजिला इमारत को खरीदने का मन बनाया है। हालांकि इस मामले पर अभी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अंतिम निर्णय बाकी है। 40 वर्ष से अधिक पुरानी इस इमारत को मुंबई की शान कहा जाता है। दूर-दराज से देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। उल्लेखनीय है एयर इंडिया इन दिनों काफी बड़े नुकसान से गुजर रही है।
50 हजार करोड़ रुपए के घाटे से एयर इंडिया को उबारने के लिए केंद्र सरकार और हवाई यातायात विभाग की ओर से जम कर मशक्कत की जा रही है। यदि 30 हजार करोड़ रुपए भी मिल गए तो एयर इंडिया को राहत मिल जाएगी। इसके लिए एयर इंडिया ने केंद्र सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है। घाटे के चलते वर्ष 2013 से ही एयर इंडिया बिल्डिंग को बेचने की योजना शुरू की गई थी लेकिन उचित दाम देने वाला कोई खरीदार नहीं मिला। जेएनपीटी ने 1375 करोड़ तो एलआईसी ने 1200 करोड़ रुपए सर्वाधिक कीमत लगाई थी।यह जगह राज्य सरकार की है जिसे एयर इंडिया को लीज पर दिया गया है। अब केंद्र सरकार चाहती है कि इसे राज्य सरकार ही खरीदे ताकि किसी भी प्रकार के निजीकरण के आरोप से भी सरकार बच जाएगी। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बाटे राज्य सरकार के विभागीय कार्यालय भी एक छत के नीचे आ जाएंगे।
जानकारी के अनुसार एक मई को दिल्ली में बैठक हुई है। इसमें राज्य की ओर से मुख्य सचिव यूपीएस मदान, हवाई यातायात विभाग के सचिव प्रदीप खोरला, एयर इंडिया के व्यवस्थापक संचालक अश्विनी लोहानी उपस्थित थे। एयर इंडिया की इमारत की कीमत को लेकर भी यहां चर्चा हुई। इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से सर्वाधिक 1400 करोड़ रुपए अधिकतम कीमत लगाई है। राज्य के अधिकारियों की मानें तो राज्य सरकार इस इमारत को नहीं खरीदना चाहती है लेकिन केंद्र सरकार के दबाव में यह इमारत राज्य को खरीदना पड़ रही है। इसी के नीचे वर्ष 1992 में ब्लास्ट हुआ था जिसके वजह से इसके ढांचे कमजोर हो गए हैं। ऐसा संदेह जताया जाता रहा है नतीजन इसकी कीमत 350 करोड़ रुपए से अधिक कोई नहीं देना चाहता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा राज्य सरकार को मजबूरन 1400 करोड़ रुपए में इसे खरीदना पड़ रहा है।