लखनऊ : महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की मांंग तेज होती जा रही है. आंदोलन के कारण अब तक 6 लोगों ने खुदकुशी की है. आज (बुधवार) आंदोलन और भी उग्र हो सकता है. संगठन की ओर से आरक्षण के लिए आज से जेल भरो आंदोलन शुरू होगा. आंदोलन के उग्र होने के अंदेशे के चलते प्रशासन अलर्ट हो गया है और राज्य में सुरक्षा के पुख्ता और सख्त इंतजाम किए गए हैं.
कई लोगों ने की आत्महत्या करने की कोशिश
आरक्षण की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे मराठा समुदाय के लोगों ने मंगलवार को औरंगाबाद-जलगांव मार्ग पर रास्ता रोको प्रदर्शन कर ट्रैफिक जाम किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मराठवाड़ क्षेत्र के लातूर जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगभग 8 प्रदर्शनकारियों ने मिट्टी का तेल छिड़कर आत्महत्या करने की कोशिश की. लातूर के पुलिस अधीक्षक शिवाजी राठौड़ का कहना है कि जिले के औसा में तहसीलदाय कार्यालय के बाहर आठ लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय पर उन्हें शांत कराया.
देवेंद्र फडणवीस – किसी भी एक समुदाय की भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं लिया जा सकता
वहीं, मराठा आंदोलन के बारे में प्रदेश के सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि किसी भी एक समुदाय की भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं लिया जा सकता है. फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर काम कर रही है लेकिन कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी नहीं की जा सकती है. उन्होंने पिछले कुछ दिनों में मराठा संगठनों की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर किये जा रहे आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं और कथित तौर पर खुदकुशी किये जाने के मामले को निराशाजनक करार दियाकानूनी प्रक्रिया जानने की जरूरत-सीएम
फडणवीस ने कहा, “अगर भावनाएं उत्तेजित होती हैं तो समुदाय में अशांति पैदा होगी. कानूनी प्रक्रिया को पूरा किये जाने की जरूरत है और हमारी सरकार समयबद्ध तरीके से ऐसा करेगी.” उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा नीत सरकार ने सत्ता में आने के एक साल के भीतर नौकरियों और शिक्षा में समुदाय को आरक्षण देने के लिए कानून बना दिया था. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि “लेकिन उच्च न्यायलय ने इस निर्णय पर स्थगन लगा दिया और उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है.”