औरंगाबाद : महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने शनिवार को कहा कि नये भारत के साथ-साथ नए ‘राष्ट्रपिता’ की भी उत्पत्ति हुई है लेकिन महात्मा गांधी ऐसे देश के राष्ट्रपिता कभी नहीं बनते. उन्होंने राष्ट्रपिता के अस्थि विसर्जन में इस्तेमाल किए गए पात्र की हाल ही में मध्य प्रदेश से हुई चोरी को ‘बेअदबी’ बताया और इस घटना पर चुप्पी साधने के लिए केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना की. तुषार ने कहा कि यह घटना वर्तमान में और पिछले सात दशक से शासन कर रहे राजनीतिक दलों द्वारा महात्मा की छवि को नुकसान पहंचाने की तयशुदा योजना है. गांधी जयंती के दिन रीवा के लक्ष्मणबाग संस्थान स्थित बापू भवन में किसी अज्ञात व्यक्ति ने महात्मा की तस्वीर पर ‘देशद्रोही’ लिख दिया और उनके अस्थि विसर्जन में प्रयुक्त पात्र चुरा लिया. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में तुषार ने कहा कि महात्मा के अस्थि पात्र की चोरी से ज्यादा तकलीफदेह इस मामले में मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार की चुप्पी है. उन्होंने कहा, ‘‘तस्वीर की बेअदबी और चोरी का दुख है. लेकिन ज्यादा दुख इस बात का है कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार ने घटना पर एक शब्द नहीं कहा है. घटना को 60 घंटे हो चुके हैं.”
महात्मा गांधी के अस्थि कलश चोरी होने के मामले पर प्रपौत्र तुषार ने जताया दुख, केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना की
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