अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में मनरेगा घोटाले का बड़ा मामला उजागर हुआ है। प्रकरण परतावल ब्लॉक के बरियरवा गांव का है। यहां पर मनरेगा योजना में 25 लाख 87 हजार 820 रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया है।
मामले का खुलासा होने पर ब्लॉक के एपीओ, वन विभाग के तीन कर्मचारी व और ठेकेदार बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। इस मामले में एपीओ और वनकर्मियों समेत छह के खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया है।
दरअसल ये मामला वर्ष 2018-19 का है। बरियरवा गांव में मनरेगा के तहत पोखरी का सुंदरीकरण कराया जाना था। विवाद में काम फंस गया। इसके बाद भी परतावल ब्लॉक के एपीओ, ठेकेदार और वन विभाग के कर्मचारियों ने मिलकर बिना काम कराए ही पोखरी सुंदरीकरण की धनराशि का भुगतान करा लिया।
शिकायत की जांच में जिले स्तर के अधिकारियों ने पाया कि पोखरी सुंदरीकरण का काम नहीं कराया गया है। कार्य की आईडी तो जारी की गई, लेकिन स्थानीय विवाद के कारण काम नहीं हो पाया।
बीडीओ परतावल प्रवीण कुमार शुक्ला इस बाबत तहरीर दी। इसके मुताबिक अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार मौर्या ने डीसीपी लॉगिन का दुरुपयोग करके सतभरिया निवासी दिनेश कुमार मौर्य के साथ मिलकर उक्त आईडी सोहगीबरवा की आईडी पर स्थानांतरित की। वन विभाग के तीन कर्मचारियों ने इस आईडी पर बिना काम हुए ही श्रम व सामग्री मिलाकर 25 लाख 87 हजार 920 रुपये का फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया।
बीडीओ की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने एपीओ विनय कुमार मौर्य, दिनेश मौर्य, कथित ठेकेदार व वन विभाग के तीन अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ शुक्रवार को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
बीडीओ परतावल के बाद वन विभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी महराजगंज चंदेश्वर सिंह ने भी शाम पांच बजे के बाद सदर कोतवाली में प्रथमदृष्टया अनियमितता मानते हुए वन कर्मियों पर नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।
इनमें सहायक वन संरक्षक घनश्याम राय अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दो अन्य में कम्प्यूटर ऑपरेटर अरविंद श्रीवास्तव और लेखा लिपिक विंद्रेश कुमार सिंह शामिल हैं।
परतावल के बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ला के मुताबिक इस मामले की जिला स्तर से जांच हुई। इसमें बिना काम भुगतान का मामला पकड़ में आया। आरोपियों के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वहीं सदर कोतवाल मनीष सिंह ने बताया कि बीडीओ परतावल की तहरीर पर दो नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया। बाद में वन विभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी की तहरीर पर वन विभाग के तीन कर्मचारियों के विरुद्ध नामजद केस दर्ज किया गया। मामले की जांच कर जरूरी कार्रवाई होगी।