अशाेक यादव, लखनऊ। कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में पांचवे आरोपी हेड कांस्टेबल कमलेश यादव की गिरफ्तारी हो गई है। कमलेश को गोरखपुर की कैंट पुलिस ने कचहरी के पास से उस वक्त गिरफ्तार कर लिया जब वह सरेंडर करने कोर्ट में जा रहा था।
इस मामले में मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में आरोपी कुल छह आरोपी पुलिसवाले फरार हो गए थे। इन सब पर पुलिस ने पहले 25-25 हजार फिर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
बुधवार को कमलेश यादव के पकड़े जाने के बाद अब इस मामले में सिर्फ एक सिपाही विजय यादव बाहर रह गया है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए भी दिन-रात लगी है। आरोपियों द्वारा कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश के मद्देनजर पिछले कई दिनों से पुलिस की टीमें कचहरी के आसपास घेरा डाल रही है। ऐसी ही घेराबंदी में बुधवार को कमलेश यादव पकड़ लिया गया।
इसके पहले मंगलवार को पुलिस ने दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत यादव को रामगढ़ताल क्षेत्र के आजादनगर से गिरफ्तार कर लिया था। तीन दिन पहले इस मामले में मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों को पकड़ने की कवायद तेज हो गई थी। इस हत्याकांड में आरोपित सभी छह पुलिसवालों पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है।
पिछले 14 दिन से इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस गोरखपुर से लेकर लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर सहित कई अन्य जिलों में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। इस बीच मंगलवार को दारोगा राहुल दुबे, सिपाही प्रशांंत यादव और बुधवार को सिपाही कमलेश यादव पुलिस के हत्थे चढ़ गए। सिपाही विजय यादव अब भी फरार है।