नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे खराब दौर था। उस समय करीबी नेताओं के फोन पर लोन दे दिए जाते थे। उस दलदल से निकलने के लिए पीएसयू बैंक अभी तक सरकार से मिलने वाली पूंजी पर निर्भर हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में एक लेक्चर के दौरान सीतारमण ने कहा, मैं रघुराम राजन की एक महान शिक्षक के तौर पर और पूर्व प्रधानमंत्री की बड़ी इज्जत करती हूं। उन्होंने ऐसे वक्त में आरबीआई की जिम्मेदारी संभाली थी, जब भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे खुशहाल दौर में थी। लेकिन राजन और मनमोहन सिंह के वक्त ही बैंक केवल नेताओं का एक फोन आने के बाद लोन दे देते थे। उस लोन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है, जिसके कारण सरकार को बैंकों में पैसा देना पड़ रहा है, ताकि वो सही ढंग से चल सके। वित्त मंत्री ने कहा कि अब सभी सरकारी बैंकों की मदद करना उनकी प्राथमिकता है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था को एक आदमी अपनी मर्जी से नहीं चला सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था काफी बड़ी हो गई है। एक व्यक्ति के द्वारा इसको चलाया नहीं जा सकता है और इसका उदाहरण हम सब देख चुके हैं। उन्होंने कहा था कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जिससे निकलने में काफी समय लग सकता है।
मनमोहन-राजन के वक्त था बैंकों का सबसे खराब दौर, नेताओं के एक फोन पर दिए जाते थे लोन: वित्त मंत्री
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